देहरादून- धान खरीद में कमीशन एजेंट की व्यवस्था पर सरकार रोलबैक करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों को पेश आ रही समस्या और राइस मिलर्स के दबाव की वजह सरकार यह निर्णय लेने को तैयार हुई है। मालूम हो कि चावल खरीद में घोटाले की पुष्टि के बाद सरकार ने 10 अक्तूबर को कमीशन एजेंट की व्यवस्था को खत्म कर दिया था।
सरकार के इस आदेश के बाद राइस मिलर्स की भूमिका खत्म हो गई। राइस मिलर्स अपना रोजगार खत्म होने से परेशान हैं। तो किसान के सामने समस्या यह है कि वो अपने 17 फीसदी से ज्यादा नमी वाले धान को कहीं बेच नहीं पा रहे हैं। पिछले दिनों यूएसनगर में किसान उग्र विरोध-प्रदर्शन कर चुके हैं।
खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 16 अक्टूबर को राइस मिलर्स ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। तराई कुछ विधायकों का भी इसके लिए खासा दबाव है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय ने कमीशन एजेंट की व्यवस्था को दोबारा बहाल करने को हरी झंडी दे दी। खाद्य विभाग ने इसकी फाइल चला दी है।
सूत्रों के अनुसार, कमीशन एजेंट को एक प्रतिशत कमीशन देने का प्रावधान है। इसलिए इस फाइल पर वित्त विभाग को अनुमोदन भी लिया जा रहा है।