नैनीताल- हाईकोर्ट ने देहरादून से अतिक्रमण हटाने औऱ देहरादून के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए बड़ा फैसला लिया. हाईकोर्ट ने कहा कि दून की सड़कों से 4 हफ्ते के अंदर अतिक्रमण हटाया जाए, साथ ही ये भी कहा कि जरुरत पड़े तो चाहे धारा 144 लागू करनी पड़े.
अदालत ने मुख्य सचिव को आदेश देते हुए कहा है कि वह उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करें, जिनके समय में अतिक्रमण हुए हैं। निर्देश न मानने पर इसके जिम्मेदार मुख्य सचिव होंगे.
मुख्य सचिव इसके लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे
यदि निर्धारित समय सीमा में अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो मुख्य सचिव इसके लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि तीन माह के भीतर रिस्पना नदी के किनारे हुए अतिक्रमण को हटाकर नदी को पुनर्जीवित किया जाए। हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए पूरी ताकत झोंक देने और जरूरत पड़ने पर धारा 144 लागू करने को कहा है।
देहरादून निवासी ने की थी पत्र भेजकर शिकायत
देहरादून निवासी मनमोहन लखेड़ा ने 2013 में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर देहरादून शहर में बड़े स्तर पर अतिक्रमण की शिकायत की थी। इस पत्र का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया।
राज्य सरकार, एमडीडीए और नगर निगम को दिए निर्देश
वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायाधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई में राज्य सरकार, एमडीडीए और नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वे उन समस्त मॉलों, शोरूमों आदि प्रतिष्ठानों को तीन सप्ताह के भीतर सील करें जिनके बेसमेंट पार्किंग के लिए स्वीकृत हैं, लेकिन स्थल का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, जिन आवासीय भवनों में व्यावसायिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं, उन्हें भी सील करें।
खंडपीठ ने कहा कि पूर्व में सब्जी मंडी को धर्मपुर के पास और आढ़त बाजार को भी शिफ्ट किया गया था। दोनों जगह कब्जा रखने वाले दुकानदारों से दूसरी दुकान वापस लेकर उनकी नीलामी कर दी जाए। खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह अवैध निर्माण कंपाउंड संबंधित बिल्डिंग उपविधि संशोधित करे।
दून को जाम से निजात दिलाएं
खंड पीठ ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वह देहरादून को जाम मुक्त करना सुनिश्चित करें। कोर्ट ने अतिक्रमण से मुक्त हुए स्थान पर फिर से अतिक्रमण को रोकने के लिए एमडीडीए को जिम्मेदारी दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक के साथ साथ सीएमओ, नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी देहरादून को निर्देश दिए हैं कि वह प्रतिदिन की स्वच्छता संबंधित रिपोर्ट हाईकोर्ट को दें।