नैनीताल- हाईकोर्ट ने मानव तस्करी के मामले में सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को भीख मांगने पर रोक के लिए उत्तर प्रदेश के तर्ज पर कानून बनाने, भिखारियों के साथ रहने वाले बच्चों का डीएनए टेस्ट कराने, लापता बच्चों का पता लगाने के लिए चार सप्ताह के अंदर विशेष जांच दल गठित करने समेत कई निर्देश दिए हैं.साथ ही केंद्र सरकार को मानव और नशीली दवा की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए यूएनओ की ओर से बनाए गए आदर्श कानून देश के लिए भी बनाने की संस्तुति की है.
वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई की गई. उच्च न्यायलय ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि वह प्रदेश में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाए और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर इसके लिए कानून बनाए. न्यायालय ने मानव और नशीली दवा की तस्करी पर लगाम लगाने को यूएनओ द्वारा बनाए गए आदर्श कानून देश के लिए भी बनाए जाने की संस्तुति की. इसके साथ ही नेपाल से आने वाले विशेषकर अवयस्क बच्चों और युवतियों की पूरी छानबीन करने व उनके अभिभावकों की पहचान विर्धारित करने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए.
न्यायालय ने लापता बच्चों का पता लगाने को चार सप्ताह के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में विशेष जांच दल का गठन करने,गुमशुदगी के मामले में तत्काल प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज कर समयबद्ध बरामदगी सुनिश्चित करने, मानव तस्करी में लिप्त अपराधियों पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्यवाही करने व उनकी संपत्ति जब्त करने, लापता बच्चों का फोटो बैंक बनाकर वेबसाइट सहित प्रमुख सार्वजनिक स्थानों, रेलवे स्टेशन आदिपर लगाने , बरामद बच्चों को परामर्श की सुविधा देने के साथ ही उन्हे सुरक्षा देने , भोजन औरआवास देने के भी निर्देश दिए.