हल्द्वानी- त्रिवेन्द्र सरकार द्वारा लाई जारी रही नई आबकारी नीति एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गयी है।
हल्द्वानी में एआईसीसी के सदस्य एवम मण्डी समिति के अध्यक्ष सुमित हृदयेश ने नई आबकारी नीति को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए है।
उनका कहना है की कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुँचाने के लिये सरकार आबकारी नीति में बड़े बदलाव कर रही है, जिससे राज्य का अन्य शराब कारोबार पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत और आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी पर आरोप लगाते हुए सुमित हृदयेश ने कहा एफएल 5 – एम के तहत विदेशी मदिरा के स्टोर में जो माल आता है उनमें अनुज्ञापन शुल्क और शर्ते तो समान्य रखी गयी है, लेकिन वही दूसरी ओर जो माल के बाहर स्टोर में शराब बेचीं जाती है उनमे एफएल 5 डी – की शर्तों में बड़ी हेराफेरी की गई है। ताकि शराब के कारोबार में चुंनिदा कारोबारियों की मोनोपॉली बनी रहे।
सुमित ने कहा सरकार शराब के कारोबार में बड़े समूह को उतारने के लिए जिस पांच करोड़ के टर्नओवर की शर्त रख रही है उससे छोटे कारोबारी इस धंधे से बाहर हो जाएंगे। लेकिन कांग्रेस सरकार की इस मंशा को बर्दाश्त नहीं करेगी और भाजपा सरकार की नई नीति का पुरजोर विऱोध किया जाएगा।
वहीं सुमित हृदयेश ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से मांग की है की सरकार इस आबकारी नीति को बदले ताकि प्रदेश के छोटे शराब कारोबारियों के व्यापार को नुकसान ना हो सके। हालांकि माना जा रहा है कि सरकार ने पांच करोड़ के टर्नओवर की शर्त इसलिए रखी है कि ताकि सूबे में शराब की दुकाने कम से कम चुनिंदा जगहों पर ही खुल सकें। ताकि विरोध की संभावना ना के बराबर रहे।