देहरादून- सूबे के तीन जिलों में शराब बिक्री को हाईकोर्ट ने बैन किया तो सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्साहित उत्तराखंड की सरकार को उम्मीद है कि उसे खनन पर भी सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिल जाएगी।
सरकार ने खनन पर दिए हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए विशेष पुनर्विचार याचिका दायर की है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है। सूत्रों की माने तो आने वाली 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट मे इस इस मामले में सुनवाई हो सकती है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खनन पर सरकार को फटकार लगाते हुए इस चार माह तक पूरी तरह बंद करने को कहा था और खनन से सूबे के पर्यावरण पर पड़ रहे असर के अध्ययन के लिए एक हाईपॉवर कमेटी गठित की थी।
बहरहाल खबर है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार खनन से जुड़े रोजगार, राज्य में चल रही निर्माणाधीन योजनाएं, आम जनता के घर का सपना. सूबे के राजस्व का हवाला देते हुए यह बात भी रखेगी कि खनन और उप खनिज चुगान के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से इजाजत ली जाती है।
होगा क्या ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री टीएसआर ने कहा है कि,”हमें उम्मीद है कि खनन के मसले में माननीय न्यायालय से सकारात्मक फैसला आएगा ।”