गोरा बनाने और दाद-खाज में काम आने वाली स्टेरॉयड युक्त क्रीम की खुली बिक्री पर जल्द प्रतिबंध लगेगा। अब सौंदर्य प्रसाधन के लिए इस्तेमाल होने वाली गोरा बनाने का दावा करने वाली क्रीम के लिए भी डॉक्टरों की पर्ची लगेगी।
जी हां भारतीय औषधि महानियंत्रक ने गुरुवार को हाईकोर्ट में कहा कि वह दो सप्ताह में इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी करेगा। इसके बाद सिर्फ डॉक्टर के पर्चे पर ही इस तरह की दवाएं मिलेंगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष डीसीजीआई ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरियोलोजिस्ट एंड लेप्रोलॉजिस्ट (आईएडीवीएल) ने याचिका दाखिल कर गोरा बनाने, दाद-खाज, खुजली व फंगल इंफेक्शन में काम आने वाली स्टेरॉयड युक्त क्रीम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
क्या है नया नियम
सरकार के नए नियम के अनुसार डेसोनाइड, बेक्लोमेथासोन सहित इस तरह की 14 चीजों का जिन क्रीम में इस्तेमाल होगा उसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी है।सरकार ने स्टेरॉयड मिक्स क्रीम को ‘ओवर द काउंटर’ की सेलिंग लिस्ट से हटाकर इसे शेड्यूल-एच में शामिल किया है।
सरकार के फैसले से डॉक्टर खुश
डॉक्टरों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। डॉक्टरों ने बताया कि स्टेरॉयड से कई तरह की त्वचा संबंधित समस्याएं होती है। इसके प्रति लोगों में जागरूकता की कमी के चलते अक्सर लोगों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी ही नहीं मिलती। एफडीए से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में अब बगैर डॉक्टरी सलाह स्टेरॉयड मिक्स क्रीम बेचना ड्रग ऐंड कॉस्मेटिक ऐक्ट के तहत अपराध माना जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
आम जनता ने किया विरोध
आम जनता ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। आम जनता का कहना है कि यह सिर्फ डॉक्टरों की कमाई बढ़ाने का साधन है। लोगों की माने तो पहले ही डॉक्टरों की फीस बहुत ज्यादा थी और अब तो उन्हें क्रीम लेने के लिए भी डॉक्टरों को फीस देनी होगी।
तीन साल की लड़ाई
क्रीम में इस्तेमाल होने वाले स्टेरॉयड को लेकर त्वचा रोग विशेषज्ञ साल 2015 से लड़ाई लड़ रहे थे। स्टेरॉयड युक्त क्रीम के इस्तेमाल से चेहरे की त्वचा काफी पतली हो जाती है। साथ ही खून की नलियां भी सूख जाती हैं। इसके अलावा बाल झड़ने के अलावा कई तरह की समस्याएं होती हैं।