काशीपुर- एक तरफ जहाँ नोट बंदी से पूरे देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है तो वहीँ अब काशीपुर में सिडकुल की फैक्ट्रियां बन्द होने की कगार पर पहुंच गई हैं। जिला उधम सिंह नगर की काशीपुर तहसील के सिडकुल में कई बड़ी नामी गिरामी कंपनियां अपना प्रोडक्शन करती है। मगर नोटबंदी के चलते सिडकुल की रौनक फीकी पड़ गई है। नोट बंदी के बाद से आयी मंदी ने मिल मालिकों की कमर तोड़कर रख दी। अब आलम ये है कि सिडकुल के कई कारखानों में उत्पादन ठप्प पड़ गया है। बाजार से कैश न आने के कारण माल या तो उठ नहीं रहा है
या बिके माल का भुगतान नहीं मिल जा रहा है। सिडकुल का ये हाल है कि कारखानों में उत्पादन न होने के चलते काम करने वाले कर्मचारी प्रबन्धन को बोझ महसूस हो रहे हैं नतीजतन कई फैक्ट्रियों से मुलाजिमों की छटनी शुरू हो गई है। जबकि कई मिल मालिकों ने कारखाने बंद कर कर्मचारियों को छुट्टी दे दी है। कुमाऊँ गढ़वाल चैम्बर उद्योग समिति के अध्यक्ष विकास जिंदल की माने तो इस बड़े फैसले से अचानक फैक्ट्रियों के आगे चुनोतियाँ आ गयी हैं। विकास जिंदल की माने तो अगर जल्द उद्योगों के लिए कुछ रणनीति नहीं बनी तो बेरोजगारों की संख्या की बढ़ने लगेगी। उत्पादन और खपत के लिए कैश न होने के चलते मालिकों के पास मुलाजिमों की पगार और दूसरे खर्चों के लिए भी कैश नही है। ऐसे मे अब महसूस हो रहा है कि नोटबंदी का असर बहुत दूर तक दिखाई देगा।