एनएच 74 में भूमि अधिग्रहण के मामले में घोटाले की जांच के बीच जो नए खुलासे हो रहें हैं वो चौंकाने वाले हैं। इस मामले में जिन दो अधिकारियों ने अपने स्पष्टीकरण कार्मिक विभाग को सौंपे हैं उसके मुताबिक जिन मामलों में घोटाले की बात की जा रही है उनमें से अधिकांश में मुआवजा बंटा ही नहीं। तो ऐसे में घोटाला कैसे हो गया?
दरअसल एनएच 74 घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी अपनी जांच कर रही है। इस मामले में अलग अलग समय पर उधम सिंह नगर के डीएम रहे दो आईएएस अफसरों पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव से भी पूछताछ की तैयारी है। हालांकि इससे पहले कार्मिक विभाग ने इन दोनों से स्पष्टीकरण मांगा।
अखबार में छप रही खबरों और सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक जिन मामलों में घोटाले की बात की जा रही है उनमें से अधिकतर में मुआवजा बंटा ही नहीं। तो ऐसे में घोटाले की बात ही नहीं उठती। यही बात इन दोनों अधिकारियों ने भी अपने स्पष्टीकरण में कही है।
अब ऐसे में देखना ये होगा कि एसआईटी की जांच क्या मोड़ लेती है क्योंकि अगर अधिकांश मामलों में मुआवजा बंटा ही नहीं तो घोटाला कैसे हो सकता है।