देहरादून- सूबे के सचिवालय मे सबकुछ ठीक नहीं है। जिन नौकरशाहों को ताकतवर माना जाता है वे भी बेवश है ऐसी खबरे आ रही हैं। पिछले दिनों हुए अफसरों के कामकाज में बदलाव की सूची ने नाराजगी की आग में घी का काम किया है।
दबी जुबान से अफसर तबादलों पर उंगलियां उठाने लगे हैं। अफसरों का कहना है कि सिविल सर्विसेज बोर्ड बनाकर उसकी सिफारिश पर तबादले करने की बजाय पसंद-नापसंद के आधार पर राज्य में तबादले किए जा रहे हैं।
इस तरह के तबादलों के पीछे, आईएएस अफसरों का एक धड़ा दबी जुबान से एक नए ‘पावर सेंटर’ के अनावश्यक दखल को जिम्मेदार ठहरा रहा है। खबर है कि नाराज अफसरों का गुट जल्द ही एक बैठक कर सकता है उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
प्रेस कांन्फ्रेंस करने के भी संकेत मिल रहे हैं, जबकि बहुत से अफसर अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए लंबी छुट्टी पर जा सकते हैं ऐसी खबर भी मिल रही है। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि सूबे के सचिवालय मे अफसर नए पॉवर सेंटर से नाराज हैं।
तबादलों से तिलमिलाए अफसरों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अलावा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने भी आईएएस अफसरों के तबादलों के लिए सिविल सर्विसेज बोर्ड बनाकर उसकी सिफारिश पर ही तबादले करने के निर्देश जारी किए हैं।
वावजूद इसके राज्य में अभी तक इस बोर्ड गठन नहीं हुआ है। ऐसे में अफसरों को पसंद और नापसंद के आधार पर बदला जा रहा है। गौरतलब है कि बीते दिनों चौदह आईएएस अधिकारियों के कामकाज में बदलाव किया गया है।
सचिव स्तर के अधिकारियों की कमी का रोना रोने वाली सरकार ने हाल ही में अपर सचिव से प्रभारी सचिव बने दो अधिकारियों के विभागों में बढ़ोतरी करने के बजाय उन्हें और हल्का कर दिया।