देहरादून- सितंबर का महीना उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार पर भारी गुजरने वाला है। दरअसल इस महीने सरकार को कई मोर्चों पर जूझना होगा। उत्तरकाशी के मोरी तहसील के कुछ गांवों में गले की सूजन वाली अज्ञात बीमारी मासूमों की जान ले रही है। कोमा में पड़ी सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था सरकार को मुंह छिपाने के लिए मजबूर कर रही है। पहाड़ की जनता सरकार से नाराज है।
तो 12 सितंबर को सूबे की महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का संदेश देने के लिए देहरादून से हरिद्वार निकलने वाली है। मंत्री मैडम सामान्य साइकिल से परेड ग्राउड से हर की पैड़ी तक 55 किलोमीटर का सफर हाईवे से तय करेंगी। उस दिन यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस को खासी मशक्कत करनी होगी। ऐसे में सड़क पर परेशान जनता जहां सरकार को कोसेगी वहीं यातायात को दुुरुस्थ करने में जुटी पुलिस मन ही मन सरकार को कोसेगी।
उधर रोड़वेज समेत कई दूसरे निगम टीएसआर सरकार से इसलिए नाराज हैं कि सरकार ने ऊर्जा निगम को सातवें वेतन के लिेए हामी भरी है जबकि बाकियों पर नजरेंइनायत भी नहीं की है। लिहाजा रोड़वेज की एक यूनियन ने 17 सितंबर को हड़ताल की चेतावनी दी है। उधर कई विभागों के मुलाजिम महकमो के एकीकरण के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। जबकि कई महकमें वेतन विसंगतियों से जूझ रहे हैं। इनमे चालक संघ से लेकर नर्स ऐसोसिएशन तक शामिल हैं और सबके तेवर तल्ख हैं।
वेतन विसंगतियों को लेकर सूबे की नर्स एसोसिएशन से लेकर कर्मचारी महासंघ से जुड़े कई महकमों के मुलाजिम नाराज हैं। नर्सों ने 25 सितंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी सरकार को दी है। तय है कि डाक्टरों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों में नर्से भी हड़ताल पर चली गई तो सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाएं धड़ाम हो जाएंगी। ऐसे में साफ है कि सितंबर का महीना टीएसआर सरकार पर भारी पड़ेगा और सरकार को कई मोर्चों पर जूझना होगा। यानि सितंबर के महीने में सराकर का इम्तिहान सरकारी कर्मचारी लेंगे।