रुड़की- अपनी ही जान को जोखिम में डालना वो भी उस वक़्त जब उन्हें पता हो कि वह ज़रा सी चूक के चलते मौत के मुँह में समा सकते है। रुड़की शहर के बीचों बीच गुज़रने वाली गंग नहर पर उमस भरी गर्मी के दौरान साफ तौर पर देखा जा सकता है कि लोग अपनी जान को भारी जोखिम में डाल कर नहा कर कुछ देर के लिए तपती गर्मी से राहत पाने का काम तो करते है पर उस दौरान उनके सर पर मौत मंडराती नज़र आती है क्योंकि नहर के किनारों पर जो रेलिंग लगी हुई है वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। रेलिंग के बीच मे लगी चेन भी गायब हो चुकी है।
घर में बिना बताये छोटे बच्चे आते हैं नहाने
वहीं इन नहाने वालों में नौजवान ही नहीं बल्कि भारी संख्या में नाबालिग बच्चे अधिक संख्या में होते हैं. कोई दिन ऐसा गुज़रता होगा जब किसी नहाने वाले कि नहर में डूब कर मौत ना होती हो . शहर के बीचों बीच स्तिथ होने के कारण बहुत से बच्चे घर बताये बिना नहर में नहाने आ जाते है और कई बार नहाते समय डूब भी जाते है। जिसका एक बड़ा कारण यह भी रहता है कि नहाते वक्त इन बच्चों में गहरे पानी मे डाई लगाने की शर्तें भी लग जाती है वही प्रशासन भी इस तरफ कोई ध्यान नही देता.
आए दिन हो रही मौतें
बात चाहे रेलिंग व्यवस्था को लेकर हो या किसी पुलिसकर्मी के द्वारा दुर्घटना स्थल पर नज़र ना रखने की क्योंकि अगर प्रशासन चाहे तो थोड़ी व्यवस्था और सख्ती के बाद यहाँ हो रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सकता है.
हालांकि इस मामले को जब जॉइन्ट मजिस्ट्रेट के संज्ञान में डाला गया तो उनका कहना है कि जल्द ही जिला अधिकारी से बात कर नहर किनारों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी और सिचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा घाटों का सुधार कराया जाएगा.