देहरादून। सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी संदीप बिष्ट को पुलिस ने कोटद्वार से गिरफ्तार किया। उसे जेल भेज दिया गया है। आरोपी के खिलाफ अनुभाग अधिकारी अरविंद चंदोला ने एक जून 2018 को कोतवाली नगर में लिखित तहरीर दी थी।
संदीप बिष्ट का नाम आया सामने
आरोपी संदीप बिष्ट ने हेमंत बोरा, प्रवेश बोरा, सुनील और आदित्य कन्याल को सचिवालय में नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र दिए थे। एक जून ये चारों सचिवालय में ज्वाइन करने आये थे। जाँच में नियुक्ति पत्र फर्जी पाये गए और इसमें संदीप बिष्ट का नाम सामने आया।
सिंह बिष्ट ने 60,000 रुपये लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिए
उजागर हुआ कि सचिवालय स्थित एनएसएस कार्यालय में उपनल के माध्यम से कार्यरत संदीप सिंह बिष्ट ने 60,000 रुपये लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिए। उसने आरोप भी कबूल कर लिया। इस पर कोतवाली में संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
16 लोगों से 60,000 रुपये प्रतिव्यक्ति के हिसाब से 9,60,000 रुपये लिए
13 जून 2018 को इमरान खान निवासी ग्राम कंडोली पौंधा देहरादून ने भी कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई कि संदीप ने सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 16 लोगों से 60,000 रुपये प्रतिव्यक्ति के हिसाब से 9,60,000 रुपये लिए और उसके बाद फरार हो गया।
संदीप के घर कोटद्वार से किया गिरफ्तार
पुलिस ने संदीप की तलाश लिए संभावित जगहों पर दबिश दी। लेकिन वह हाथ नहीं आया। 16 जून को पुलिस को जानकारी मिली कि संदीप अपने कोटद्वार स्थित घर में मौजूद है। पुलिस टीम ने कोटद्वार जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
बीकॉम पास है आरोपी
पूछताछ में संदीप ने बताया कि वह बीकॉम पास है। शादी शुदा है और उसका एक बच्चा है। उसके पिता आर्मी से सूबेदार मेजर से सेवानिवृत्त है। वह वर्ष 2010 में उपनल से सचिवालय में नौकरी लगा था। उसको 8,600 रुपये वेतन मिलता था। अगस्त 2017 में नौकरी छोड़ दी थी।
सचिवालय कर्मी के साथ मिलकर की ठगी
ज्यादा पैसा कमाने के लालच में संदीप ने संविदा/उपनल पर लोगो को भर्ती करने के बदले मोटी रकम कमाने की योजना बनाई। इसमें उसने अपर सचिव के निजी स्टाफ में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मी चंचल को शामिल किया। दोनों ने मिलकर लगभग 24 लोगों से करीब 14 लाख 44 हज़ार रुपये हड़प लिए।