देहरादून- राज्य बनने से पहले जो गढ़वाल मंडल मंडल विकास निगम कमाऊ था राज्य बनने के बाद उसकी माली हालत कंगालों जैसी हो गई। आज आलम ये है कि निगम के कई संस्थान बंद हो चुके हैं जबकि गलत प्रबंधन के चलते ज्यादातर घाटे में चल रहे हैं।
किसी दौर का कमाऊ पूत आज सरकार के लिए बोझ बन गया है। लेकिन नई एमडी ज्योति नीरज खैरवाल की पहल निगम के लिए बड़ी उम्मीद मानी जा रही है और अब लग रहा है कि जीएमवीएन का पुराना गौरव एक बार फिर लौट जाए।
दरअसल जीएमवीएन के प्रबंधन की जिम्मेदारी अब तेज तर्रार आईएएस अधिकारी ज्योति नीरज खैरवाल उठा रही है। नए एमडी ने निगम की हालत सुधारने की अपने स्तर से बड़ी कोशिश शुरू कर दी है।
ज्योति ने दूसरों को फिजूलखर्ची कम करने की नसीहत देने से पहले खुद से शुरुआत कर दी है। इसके लिए उन्होंने बतौर एमडी मिलने वाली सुविधाओं को भी कम करने का फैसला लिया है।
दरअसल, पूर्व एमडी द्वारा उपयोग में लाई जा रही महंगी इनोवा कार और दूसरे वाहनों को वापस ऋषिकेश भेज दिया गया है। नई एमडी ज्योति नीरज खैरवाल ने यूटीडीपी में एडीबी के कार्यो के लिए लगे वाहनों का उपयोग कर रही हैं।
वहीं उन्होंने सुधार के लिए बदलाव का बड़ा संकेत देते हुए द्रोण होटल से आने वाला खाना लेने से इंकार कर दिया है। वहीं बैठक या बाहर बंगलों के निरीक्षण के दौरान भी खाने से लेकर चाय तक के लिए ना कर दिया है। जबकि, इनसे पहले ऐसे आयोजन पर निगम के हजारों रुपये बर्बाद कर दिए जाते थे।
इतना ही नहीं नई एमडी ज्योति नीरज खैरवाल ने आरक्षित दो दूसरे वाहनों को भी वापस भेज दिया है। इन वाहनों के बारे में ज्योति नीरज ने कहा कि इनोवा और दूसरी गाड़ियों को यात्रा में चलाया जाएगा, ताकि गाड़ियां निगम की आमदनी बढ़ने में अपना योगदान दे सकें। नई एमडी ने कहा उनकी पहली कोशिश है कि फिजूलखर्ची पर लगाम लगाई जा सके और इसे रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।