सूबे के खेल मंत्री अरविंद पांडे राज्य के खेल संघों से बेहद खफा हैं। इतने नाराज कि उन्होंने राज्य में मौजूद कई खेल संघ के पदाधिकारियों पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे सूबे की बच्चियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। इतना ही नहीं खेल मंत्री का दावा है कि उनके पास ऐसे सबूत हैं जिनके आधार पर खेल संघ के उन पदाधिकारियों के खिलाफ रेप का केस बनता है और 376 का मुकदमा दर्ज हो सकता है।
मंत्री ने दावा किया है कि सूबे की बच्चियों से खिलवाड़ करने वाले कई पदाधिकारियों के खिलाफ उनके पास कई अहम सबूत हैं। मंत्री ने कहा कि अगर खेल संघ अपनी हरकतों से बाज नहीं आए वे उनके खिलाफ किसी भी स्तर तक जा सकते हैं।
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि अगर वाकई में खेल मंत्री इतने भावुक तेवरों के साथ पुख्ता सुबूतों की बात कर रहे हैं तो फिर खेल संघों में मौजूद दुराचारियों को बेनकाब करने में क्यों हिचक रहे हैं। आखिर मंत्री जी उनके खिलाफ एक्शन लेने की पहल क्यों नहीं करते। आखिर जब खेल मंत्री वे हैं तो फिर खेल संघों पर हावी दुशासनों को सजा कौन सा विभाग दिलाएगा। जीरो टॉलरेंस के दौर में भी मंत्री जी के हाथ कौन रोक रहा है ?
सवाल ये भी है कि क्या वाकई में मंत्री जी मुकदमा दर्ज कराएंगे या यूं ही सुर्खियां बटोरने के लिए बात उछाल दी। हालांकि मंत्री जी को पता होगा कि, सबूत होने के बाद अपराध छिपाना भी अपराध माना जाता है।