घनसाली (हर्षमणि उनियाल ):- आपदा के हिसाब से अति संवेदन शील माने जाने वाले टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा के कई जंगलात क्षेत्र आग की चपेट में हैं। बालगंगा रेंज में गनगर, सज्जनगाँव, खोला, कांगड़ा जैसे गांवों के जंगलों में पिछले दो दिनों से आग सुलगी हुई है।
जंगल की ये आग कब भड़क कर गांव के रिहायशी इलाके को अपनी चपेट में ले ले कोई नहीं जानता।दरअसल आग की रफ्तार और आसमान के मिजाज इस बात का संकेत दे रहे हैं।बावजूद इसके जंगलात महकमा सोया हुआ है। वन रक्षक प्रमोशन के लिए हड़ताल पर हैं और अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आग से जंगल का वजूद खत्म हो रहा है।
गाँवों के जंगलों में सुलगी आग से अवाम को साल 2016 का 28 मई का दिन याद आ रहा है उस साल भी इसी तरह जंगल में आग लगी थी और लाखों के जंगल स्वाह हो गए थे। ताजा तस्वीर ये है कि इस बार मार्च महीने के आखिरी हफ्ते में ही बालगंगा रेंज के कई जंगल सुलगे हुए हैं।
जंगलात महकमे का यही रवैया रहा तो आग को भड़कने में देर नहीं लगेगी। हालांकि पिछले दो दिनों में सुलगी आग से अब तक लाखों रुपए की वन संपदा आग की चपेट में आकर स्वाह होने का अनुमान लगाया जा रहा है।वहीं इलाके में हो रही खुसरपुसर पर यकीन किया जाए तो इस आग के पीछे जंगलात महकमें का हाथ भी हो सकता है ताकि आग की चपेट में महकमा अपने सालभर के नकारापन के सभी सबूतों को जला सके।
हालांकि सच क्या है ये तो जंगलात महकमा ही जानता होगा ! बहरहाल असल सवाल ये है कि आग का रौद्र रूप लगातार बढ़ता जा रहा है और पर्यावरणप्रेमी जंगलों की बेबसी को देखकर सहमें हुए हैं वहीं ग्रामीण आग की बढ़ती तपिश से दहशत में जी रहे हैं। जबकि जंगलात महकमा चैन की बंशी बजा रहा है। उधर सरकार का दावा है कि राज्य की हसीन हरी-भरी वादियां राज्य को पर्यटन प्रदेश बनाएंगी।