रुद्रपुर- उत्तराखंड राज्य बना तो विकास के लिए यूपी वाला मॉडल चुना गया। नतीजा ये हुआ की औद्योगिक पैकेज का लाभ लेने के लिए सूबे के मैदानी इलाकों मे कई कारखाने खुल गए। अब आलम ये है कि सिडकुल के तहत खुली इन कंपनियों में सैकड़ों कामगारों का शोषण हो रहा है।
रुद्रपुर के सिडकुल में मेक पर्सनल केयर नाम की फैक्ट्री के कर्मचारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर कई आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन उनका जमकर उत्पीड़न करता है। कंपनी में न तो समय से वेतन मिलता है और न वादे के मुताबिक बोनस दिया गया। जबकि काम उनसे तय वक्त से ज्यादा जबरन लिया जाता है। जबकि बोनस के नाम पर कामगारों को टरकाया जा रहा है। कुछ मुलाजिमों के आरोप है कि उन्हें काम करते हुए ढाई साल हो गए हैं लेकिन उन्हें आज तक बोनस नहीं मिला है।
ऐसे में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मेक पर्सनल केयर के कामगार विरोध करते हुए सड़क पर उतर गए। कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपने रुके हुए बोनस की मांग की। वहीं कंपनी प्रबंधन का कहना है कि कंपनी पिछले एक साल से घाटे में चल रही है। बावजूद इसके उसने दिवाली में सामर्थ्य के अनुसार मुलाजिमों को बोनस दिया है।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि अगर कंपनी राज्य में तय श्रम कानूनों का पालन कर रही है और प्रबंधन अपने कामगारों के साथ तय करार के मुताबिक अपने वादों पर खरा उतर रहा है तो श्रमिक काम करने के बजाए बढ़ती बेरोजगारी के दौर काम से मुंह क्योंं मोड़ रहे हैं। रोजी-रोटी का इंतजाम करने वाली कंपनी की खिलाफत क्यों कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि दाल में जरूर कुछ काला है।