ब्यूरो- उत्तराखंड के सोलह साल के सफर में गजब की बात तो ये है कि हर बार मुख्यमंत्री पैराशूट से उतरा है। जनता ने विधायकों पर विश्वास जताया लेकिन उनके आलाकमान उन पर भंरोसा न जता सके। खैर 2012 में बनी सूबे में कांग्रेस सरकार विजय बहुगुणा को सीएम बनने का मौका मिला। 2013 में दुर्भाग्य से केदार आपदा आ गई और विजय बहुगुणा के आपदा से उस तरीके से नहीं निपट पाए जैसे आलाकमान को उम्मीद थी लिहाजा उनके राजकाज से नाराज आलाकमान ने उनसे सूबे की कमान छीन ली और फिर केंद्र में मंत्री पद पर आसीन हरीश रावत को सीएम बनने का मौका मिला।