देहरादून: करीब 60 करोड़ रुपये की टीडीएस अदायगी न करने वाले डेढ़ दर्जन से अधिक विभागों व संस्थानों पर आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की टीडीएस विंग ने इन विभागों के खातों के भुगतान पर रोक लगा दी है। इसमें उत्तराखंड सचिवालय, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले संस्थान भी शामिल हैं।
इस कार्रवाई के बाद विभागों में हड़कंप है। अधिकारियों ने आनन-फानन में हिसाब-किताब बनाना शुरू कर दिया है। खातों पर रोक के चलते संबंधित संस्थानों के कार्मिकों को वेतन भी जारी नहीं किया जा सकेगा।
आयकर अधिकारी (टीडीएस) आबिद अली के मुताबिक जिन विभागों व संस्थानों के खातों पर रोक लगाई गई है, उन पर पिछले सात-आठ सालों से टीडीएस का बकाया चल रहा है। वेतन, ठेकेदारों को भुगतान, भवन किराया आदि पर टीडीएस काटकर इन संस्थानों ने जमा ही नहीं कराया है।
वहीं, तमाम संस्थान रिटर्न फाइल करने में भी पीछे चल रहे हैं। विभाग ने ऐसे संस्थानों व उनके कार्यालयों की सूची तैयार की, जिन पर टीडीएस का सबसे अधिक बकाया चल रहा है। लोनिवि व सिंचाई विभाग के सबसे अधिक कार्यालयों के खातों पर रोक लगाई गई है।
आयकर अधिकारी ने बताया कि संबंधित कोषागार कार्यालयों व बैंकों के माध्यम से बकायेदार संस्थानों के भुगतान पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। दूसरे चरण में ऐसे अन्य संस्थानों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इन पर हुई कार्रवाई
संस्थान/कार्यालय——बकाया राशि
सिंचाई खंड चमोली——-2.91 करोड़
एम्स ऋषिकेश———–2.75 करोड़
लोनिवि प्रांतीय खंड——-2.70 करोड़
लोनिवि निर्माण खंड——2.32 करोड़
इंजीनियर लायजन ऑफिसर–1.95 करोड़
एमडीडीए—————-1.94 करोड़
लोनिवि प्रांतीय खंड——-1.55 करोड़
कंप्टरोलर्स कार्यालय,पंतनगर—1.44 करोड़
उत्तराखंड सचिवालय——1.41 करोड़
लोनिवि अस्थाई खंड——1.40 करोड़
जीई एमईएस रुड़की——1.35 करोड़
सिंचाई खंड कार्यालय—–1.22 करोड़
लघु सिंचाई————-1.18 करोड़
उत्तराखंड जल संस्थान–92.79 लाख
एलबीएस प्रशासनिक अकादमी-91.59 लाख