ऊधम सिंह नगर ज़िले में बारिश ने अन्नदाता की सेकड़ों एकड़ खड़ी गेहू की लहलहाती फसले नष्ट हो गई है। जिले में तकरीबन 93338 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहू की फसल तैयार खड़ी थी। लेकिन मौसम की खराबी की वजह से बारिश और ओलावृष्टि ने 25 से 30 प्रतिशत फसल को निगल लिया।
मौसम के बिगड़े मिज़ाज़ से छोटे किसान तबाह और बर्बाद हो गये हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि वो प्रकृति की मार से कैसे उबरे। कुछ किसानो की फैसले तो खेतों में कटी हुई पड़ी थी। लेकिन अधिकांश किसान कुछ दिन फसल पकने का इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन आंधी और तेज़ हवाओं ने उनकी फसल खेतों में ही गिर पड़ी। यह गिरी फसल अब कम्बाईन से भी नहीं कट पाएगी उसे कटाने के लिये मज़दूरों का सहारा लेना पड़ेगा। जिससे किसान पर और आर्थिक बोझ पडेगा। किसान सरकार द्वारा खोले गये खरीद केन्द्रों पर अभी तक विक्रय के लिये अपनी फैसले नहीं ला पा रहे है। खरीद केंद्र खाली पड़े हुए है।
ओलाबृष्टि से हुआ नुक्सान की भरपाई देवीए आपदा में आती है
हालांकि ओलाबृष्टि से हुआ नुक्सान की भरपाई देवीए आपदा में आती है। जिसके लिए प्रशासन आकलन करा रहा है। जिन किसानों ने अपनी फसल को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करा रखा है। वो भी परेशान घूम रहे हैं क्योंकि किसानो को इसकी जानकारी न होने की वजह से किसान 48 घंटे के भीतर नुक्सान की सूचना नहीं नहीं दे पाए, तो वो इसके लाभ से वंचित रह जायेंगे। सबसे बड़ा सवाल किसान की फसल के नुक्सान के आकलन का भी है।
इस आकलन से ही बीमित किसान को क्षतिपूर्ति की जाती है। लेकिन किसानों का यह सर्वे प्राइवेट कंपनी द्वारा किया जाता है। जो समय से जांच पड़ताल करने नहीं आती है। जिसका खामियाज़ा किसानो को भुगतना पड़ता है और उन्हें यह बीमा राशि नहीं मिल पाती। मुख्य कृषि अधिकारी डा अभय सक्सैना का कहना है कि वो जिले में हुए नुक्सान का आकलन करवा रहे है।
कृषि अधिकारी और प्रशासन जिले में नुक्सान का आकलन करवा रहे हैं ,किन्तु अभी तक सिर्फ नुक्सान का अंदाज़ ही लगाया जा रहा है। सही आंकड़ा पता नहीं है।
ऊधम सिंह नगर के जिलाधिकारी नीरज खेरवाल का कहना है कि जिले में किसानों के सही नुक्सान के सर्वे करने के निर्देश दिए गए है। इसके बाद ही मुआवज़े की कार्यवाही के लिये सूची शासन को भेजी जाएगी। यहां सवाल यह उठता है कि बरसात से कंगाली पर पहुंच गए किसानों को फसल का सही दाम भी मिलना मुश्किल होगा। बीमित या मुआवज़ा राशि उसे कब मिलेगी कोई नहीं जानता।