चमोली : देवाल ब्लॉक के वाण गांव के ग्रामीणों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। 15-16 अगस्त को आपदा से क्षतिग्रस्त हुये लोहजंग-वाण सड़क मार्ग अभी भी बंद पड़ा हुआ है. जिस कारण गाँव मे खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर गैस की आपूर्ति बाधित हो गईं है। सड़क बंद होने से ग्रामीणों को वाण से कुलिंग के बीच 5 किमी का सफर जान जोखिम में डालकर करना पड़ रहा है।
गंभीर स्थिति में मजबूरन में हिरूली देवी को कुर्सी में बैठाकर पैदल ले जाना पड़ा
वाण गांव की हिरूली देवी, उम्र 55 साल की कल रात अचानक तबियत खराब हो गयी। गाँव में चिकित्सकीय सुविधा न होने से गाँव वालों को गंभीर स्थिति में मजबूरन में हिरूली देवी को कुर्सी में बैठाकर पैदल ले जाना पड़ा। इस दौरान ग्रामीणों को बुरकोट गदेरे में लकड़ी के पुल पर जान जोखिम में डालकर बीमार को ले जाना पडा। ग्रामीणों नें जान जोखिम में डालकर हिरूली देवी को कुलिंग तक पहुंचाया जिसके बाद बीमार को थराली अस्पताल ले गये। जहाँ उनका इलाज चल रहा है। ग्रामीण गोपाल सिंह, नरेंद्र सिंह, उमराव सिंह, भगत सिंह, कुंवर सिंह, दिवान सिंह, सुरेन्द्र सिंह, थान सिंह, देवेन्द्र सिंह, मदन सिंह सहित अन्य ग्रामीणों नें जान जोखिम में डालकर हिरूली देवी को कुर्सी में कुलिंग तक पहुंचाया। जिसके बाद बीमार को थराली अस्पताल ले गये।
आपदा के 36 दिन बीत जाने के बाद भी कुलिंग में वैली ब्रिज न बनना बेहद दुःखद
सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह गढवाली ने कहा की आपदा के 36 दिन बीत जाने के बाद भी कुलिंग में वैली ब्रिज न बनना बेहद दुःखद है। उन्होंने कहा की वाण गाँव नंदा देवी राजजात यात्रा व रूपकुड ट्रेकिंग का अहम गाँव है। यहाँ के लोगों को 45 किमी दूर देवाल जाकर ही प्राथमिक चिकित्सा मिल पाती है। उन्होंने कहा की वाण गाँव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाना चाहिए और एएनएम सेंटर को उच्चीकृत कर वैलनेस सेंटर बनाया जाय ताकि गर्भवती महिलाओं को प्रसवकाल में चिकित्सा सुविधा मिल सके।
बीते 7 अगस्त को एसडीएम थराली पैदल वाण गाँव पहुंचे थे, ली थी सुध
गौरतलब है कि 15-16 जुलाई को आपदा से अलग-थलग पड़े देवाल ब्लॉक के कुलिंग और वाण गांव में आपदा के 36 दिन बाद भी सड़क और पैदल मार्ग बदहाल हैं। बीते 7 अगस्त को एसडीएम थराली पैदल वाण गाँव पहुंचे थे और आपदा से अलग-थलग पड़े वाण गांव की सुध ली थी। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था की 11 अगस्त तक कुलिंग में वेली ब्रिज बनकर तैयार हो जायेगा। लेकिन पहले 11 फिर 14 अगस्त की डेड लाइन बीत जाने और अब 22 अगस्त तक वेली ब्रिज तैयार न होने से ग्रामीण बेहद नाराज है।
5 किमी पैदल रोजमर्रा के सामान पीठ में लादकर जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ती है
वाण गाँव के ग्राम प्रधान खेमी राम और अन्य लोगों का कहना है कि जब तक कुलिंग गाँव मे वेली ब्रिज नहीं बनता तब तक कुलिंग से आगे बुरकोट गदेरे पर क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग और नेस्तानाबूत सडक पुल का कार्य शुरू नहीं हो पायेगा। सड़क क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को वाण से कुलिंग तक 5 किमी पैदल रोजमर्रा के सामान पीठ में लादकर जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। सड़क बाधित होने से कई दिनों से वाण गांव के ग्रामीणों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों नें तत्काल कुलिंग वेली पुल व बुरकोट गदेरे से आगे वाण सड़क मार्ग को बहाल करने की मांग की है।