3500 लोगों की गुमशुदा रिपोर्ट जबकि शव मिले 450 बाकी कहां गए- हाईकोर्ट
जांच के लिए 5 टीम बनाए सरकार, एसएसपी स्तर के अधिकारी हों जांच टीम में
नैनीताल- केदार आपदा को राज्य कभी नहीं भूल पाएगा। इसके जख्म पता नहीं कब तक हरे रहें कहा नहीं जा सकता। अगस्त्यमुनि निवासी और भाजपा नेता अजेंद्र अजय समेत तीन जनहित याचिकाओं पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कई आदेश दिए हैं। अदालत ने जहां सरकार को केदार आपदा से प्रभावित परिवार के नबालिग बच्चों के खाते में हर महीने साढे सात हजार रूपए जमा करवाने का फरमान सुनाया है वहीं 2013
की केदार आपदा में जान गंवा चुके लोगों के परिजनों को आंवटित मुआवजे की रकम में 50 फीसदी और इजाफा करने को भी कहा है। इसके अलावा अदालत ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नसीहत दी है कि एसएसपी स्तर के अधिकारियों की पांच विशेष जांच टीम बनाई जांए जो लावरिश शवों को तलाशे और डीएनए सैंपल लेकर जांच भी करवाए। वहीं कोर्ट ने कहा है कि सरकार लवारिश शवों का रीति-रिवाज के साथ दाह संस्कार कराए। सरकार को ये आदेश जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस आलोक सिंह की खंड पीठ ने दिया है। गौरतलब है कि आचार्य अजय गौतम की जनहित याचिका में कहा गया है कि केदार आपदा में साढे तीन हजार लोगों की गुमशुदगी दिखाई गई है जबकि सरकार अब तक महज साढे चार सौ शव ही खोज पाई है। वहीं अदालत ने सरकार को याचिकाकर्ता अजेंद्र अजय को हर्जाने के रूप में 50हजार रूपए देने का आदेश भी दिया है।