हल्द्वानी(योगेश शर्मा)- शहर में सिंचाई विभाग का एक बड़ा कारनामा उजागर हुआ है, सिंचाई विभाग कैसे जीरो टॉलरेंस की सरकार की नीतियों की धज्जियां उड़ा रहा ये एक आरटीआई कार्यकर्ता ने उजागर किया.
दरअसल सिंचाई विभाग ने नाला बनाने के नाम पर सड़क किनारे खुदाई की जिसमे से निकली सैकडों ट्रक मिट्टी को विभाग ने ठेकेदार के साथ मिलकर बेच दिया, अब विभाग आरटीआई से सूचना मांगने पर भी जवाब नहीं दे पा रहा है। क्या है पूरा मामला पढ़िए-
दरअसल हल्द्वानी के कालाढूंगी रोड में जल भराव की समस्या को देखते हुवे सिंचाई विभाग द्वारा 68 लाख रूपये की लागत से आधा किलोमीटर लम्बे नाले का निमार्ण कार्य कराया जा रहा है। पिछले दो माह से चल रहे नाले के निमार्ण कार्य में खोदी गई 48 सौ घनमीटर मिट्टी को खुर्द बुर्द करने की आंशका जताई गई है। नाले के लिए आठ फिट चौड़े और गहरे गड्डे को खोदे जाने के बाद सैकडों ट्रक मिटटी का सिंचाई विभाग ने क्या किया किसी को नहीं पता।
आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर सिंचाई विभाग चुप
आरटीआई कार्यकर्ता हेमन्त गौनिया द्वारा आरटीआई के तहत जानकारी मांगने के बाद भी सिंचाई विभाग ये नहीं बता पा रहा है की नाले से निकली पांच सौ ट्रक मिट्टी आखिर कहां गई।
राजयपाल, मुख्यमंत्री और कुमाऊँ कमिश्नर से शिकायत
वहीं आरटीआई कार्यकर्ता हेमन्त गौनिया द्वारा मामले में राजयपाल, मुख्यमंत्री और कुमाऊँ कमिश्नर से शिकायत करने के बाद अब मामले की जाॅच शुरू हो गई है।
अधिकारी की घबराहट कैमरे में साफ आई नजर
वहीं मिटटी को खुर्द बुर्द कर लाखों रूपये के राजस्व को चूना लगा कर विभागीय अधिकारी सफाई देने में लगे हैं…वहीं अधिशासी अभियन्ता तरूण बंसल का कहना है कि उनके विभाग द्वारा मिटटी की रॉयल्टी काटी गई है और जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो गलत हैं। हालांकि कैमरे के सामने सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता कितनी गाड़ी मिट्टी निकाली गई और कितनी रॉयल्टी जमा कराई गयी इसको बता पाने में असमर्थ दिख रहे हैं और उनकी घबराहट भी कैमरे में साफ नजर आ रही है।
राज्य में जीरो टॉलरेंस की नीति वाली सरकार होने के बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से कैसे भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है इसके लिये ये उदाहरण काफी है. अगर सरकार ने ऐसे अधिकारियों पर जल्द नकेल नहीं कसी तो सरकारी अधिकारी ही सरकार को चूना लगाते रहेंगे और सरकार सिर्फ जीरो टॉलरेंस के दावे ही करती रह जाएगी।