देहरादून- छोटी सड़कों पर यातायात के भारी-भरकम बोझ का सफल संचालन उत्तराखंड पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। खासकर देहरादून जैसे शहर में तो कई मौकों पर ट्रैफिक कंट्रोल करने में पुलिस को पसीने छूट जाते हैं। पलायन से पलटती आबादी का बोझ सहते देहरादून में तो हर दिन ऑफिस और स्कूल टाइम में हालात इतने नाजुक हो जाते हैं कि यातायात पुलिस के माथे पर ‘नकारा’ होने का दाग तक लग जाता है।
बहरहाल देहरादून का दिल माने जाने वाले संकरे से पल्टन बाजार में ट्रेफिक की सेहत कैसी सुधारी जाए इस पर एक बार फिर से मंथन होने लगा है। सूबे के यातायात निदेशक डीआईजी केवल खुराना ने एक बार फिर से हालात सुधारने के लिए मोर्चा थाम लिया है।
खुराना ने इस बार सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए राज्य की आम जनता और खासकर देहरादून के वाशिंदों से राय ली है। खुराना ने पूछा है कि, देहरादून के पल्टन बाजार में वाहन बैन होना चाहिए! सबसे दिलचस्प बात ये है कि खुराना साहब से सूबे की स्थानीय भाषा में सभी से राय देने को कहा है।
खुराना साहब ने इस बारे में स्थानीय बोली में फेसबुक पेज पर लिखा है कि – क्या पलटन बाजार मा गाड़ी औंण बन्द ह्वेंई चेंदि। आपो क्या विचार च?
पलटन बाजारन्दी गाडी जाणी चाहीं की नाहीं जाणी चाहीं तुम्हारी का राय ह ?
के पलटन बजार मि गाड़ी लिझाण बन्द हुण चैं छ, तुमौर के राय छु ?
गौरतलब है कि दून के कप्तान रहते हुए भी खुराना साहब ने दून के ट्रैफिक को पटरी पर लाने के लिए कई प्रयोग किए थे और उसमें वो काफी हद तक भी सफल हुए थे, लेकिन एक एंबुलेंस की घटना ने सारा प्लान चौपट कर दिया। बहरहाल इस बार कोई चूक न हो इसके लिए जनभागीदारी की उम्मीद खुराना साहब को है।
हालांकि दानिशमंदों की राय है कि जब तक असल जड़ मसलन पलायन, पहाड़ी राज्यों में सहूलियतों की सौगात नहीं दी जाएगी तब तक दून के हालात नहीं सुधरेगे। हर इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित होंगे।