ब्यूरो- अल्मोड़ा की रानीखेत विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास भी बड़ा दिलचस्प है। चुनावी लिहाज से देखा जाए तो इस सीट से भी मिथक जुड़ा हुआ है। राज्य बनने के बाद 2002 के पहले आम चुनाव से लेकर 2012 के चुनाव नतीजों ने अब तक यही साबित किया है कि, जिसने भी रानीखेत को फतह किया वो विधानसभा भवन में विपक्ष में ही बैठा है।
2002 के पहले आम चुनाव में रानीखेत सीट भाजपा की झोली में गई, भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट सदन में पहुंचे जरूर लेकिन विपक्ष के पाले में बैठने को मजबूर होना पड़ा। अगला चुनाव यानि साल 2007 का चुनाव अजय भट्ट कांग्रेस उम्मीदवार करण माहरा से हारे तो सूबे में भाजपा की सरकार बनी। फिर साल 2012 के चुनाव में रानीखेत में अजय भट्ट ने भाजपा का परचम लहराया लेकिन सूबे में कांग्रेस की सरकार बन गई।
ऐसे में सूत्रों की माने तो मिथकों पर यकीन करने वाले भाजपाई रानीखेत हारने की दुआ कर रहे हैं। जबकि रानीखेत से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट मैदान में हैं। बहरहाल देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या एक्जिट पोल की मोदी लहर इस बार उत्तराखंड चुनावों से जुडे मिथक तोड़ पाएगी।