त्यौहारों का मौसम में एयरलाइन कंपनियां यात्रियों को लुभाने के लिए ऑफर्स की लंबी लिस्ट लेकर आएंगी। ऐसे में अगर आप भी प्लेन में सफर कर रहे हैं तो आप को अपने अधिकारों के बारे में भी जान ले, जिससे आपको यात्रा के दौरान कोई परेशानी न हो. तो आईये आपको बताते हैं महत्वपूर्ण बातें-
1- किसी कारण अगर आपने टिकट कैंसल किया है तो पैसे फौरन रिफंड होता है। डीजीसीए की वेबसाइट के मुताबिक कैश से पेमेंट किया है तो रिफंड हाथों-हाथ मिलेगा। अगर आपने क्रेडिट कार्ड से हवाई टिकट लिया है तो 7 दिन के अंदर आपके पैसे अकाउंट में जाते हैं। जबकि ट्रैवल एजेंट से कराया हुए टिकट का रिफंड एजेंट के अप्रोच पर निर्भर करता है।
2- किसी भी यात्री को ओवरवेट की वजह से प्लेन से उतारा जाता है तो इसके लिए उसे राजी करना जरूरी है। इसके बाद एयरलाइन को उचित मुआवजा भी देना होता है। किसी यात्री को प्लेन में चढ़ने से रोकने पर भी उसे मुआवजा देना पड़ता है। अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसे 1 घंटे के अंदर ही किसी दूसरे विमान से यात्री के जाने का प्रबंध करना पड़ता है।
3- डीजीसीए का यह नियम है कि विमान खराब होने के 1 घंटे बाद पैसेंजर को सुविधा देनी होगी। यदि वह सुविधा नहीं चाहता तो हाथो-हाथ टिकट का पैसा देना पड़ेगा। इसकी जानकारी पैसेंजर्स को नहीं होती इसलिए एडजेस्ट करने को मजबूर होते हैं। यदि पैसेंजर दूसरे विमान में जाना चाहता है तो उसकी व्यवस्था भी कंपनी को करनी पड़ेगी।
4- यदि यात्री दूसरे विमान में जाना चाहता है तो उसकी व्यवस्था भी कंपनी को करनी पड़ेगी। यदि विमान एक घंटे बाद नहीं उड़ा और दूसरा विमान आने वाला हो तो यात्री को 3 स्टार होटल में रुकवाना होगा। जैसे ही वह विमान आ जाए तो यात्री को होटल से कंपनी के किराए से टैक्सी में वहां तक पहुंचाना होगा। उड़ान यदि देर रात को नहीं उड़ी तो उसका होटल किराया भी कंपनी को ही देना होगा।
5- यदि इन सबसे एयरलाइन कंपनी ने पल्ला झाड़ दिया तो डीजीसीए की वेबसाइट पर 24 घंटे में शिकायत करना चाहिए। इसके बाद सुनवाई नहीं होती है तो यात्री को पहले एयरपोर्ट डायरेक्टर को लिखित में या फिर एसएमएस करके जानकारी देनी होगी।