चमोली-(पोखरी ) अगर आज हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्तवाल जिंदा होते तो 97 साल के होते। लेकिन ऐसा हो नही पाया। उत्तराखंड को साहित्य में ऊंची पहचान देने वाले कवि चंद्रकुंवर बर्तवाल के 97 वें जन्म दिन पर पोखरी में जाण पछयाण साहित्यिक संस्था नें उन्हें कवि सम्मेलन के जरिए याद किया।
रविवार को तहसील के सभागार में कवि सम्मेलन का आगाज एसडीएम के.एन. गोस्वामी ने किया। गोस्वामी ने हिमवंत कवि को महान कवि बताते हुए कहा कि चंद्रकुंवर बर्तवाल जिस दर्जे के कवि थे उन्हें उस दर्जे की पहचान नही मिली। जबकि उनका लिखा साहित्य बहुत आला किस्म का रहा है। आज बेशक उच्च शिक्षा में कवि की रचनांए शामिल हैं लेकिंन ये काम बहुत पहले होना चाहिए था। साथ ही उन्होंने कहा कि कवि को समर्पित इस प्रकार के कार्यक्रमों के और विस्तार की जरूरत है ताकि उत्तराखंड की जनता जान सके कि कोई था जिसने हिंदी साहित्य में राज्य का नाम रोशन किया है।
वहीं तहसीलदार चन्द्र शेखर बशिष्ठ ने कहा कि हिंदी साहित्य के क्षेत्र में कवि चन्द्र कुवंर बर्तवाल का विशेष स्थान है और उनकी रचनाओं पर अभी एक व्यापक शोध की गुजाइंश है। इस मौके पर मौजूद कवियों ने अपनी कविता के जरिए कवि चंद्रकुंवर बर्तवाल को अपनी श्रद्धाजलि अर्पित की।