बौराड़ी- बौराड़ी में रेफर सेंटर के नाम से मशहूर जिला अस्पताल अब इतना बीमार हो चुका है कि उसे ही रेफर करने की जरूरत महसूस होने लगी है। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की हालत किसी दुर्घटना को न्यौता देने वाली हो चुकी है। दीवारों में दरारें आ गई हैं और छतों से बारिश का पानी टपकता है जिससे मरीज को कभी दाएं तो कभी बाएं शिफ्ट किया जाता है। पानी की निकासी नहीं होने के चलते फर्श पर पानी जमा रहता है, जिससे आए दिन छोटी मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में अस्पताल की बिल्डिंग की दुर्दशा को नजरअंदाज करते हुए शासन अस्पताल को 100 बेड की अनमति दे चुका है।
ऐसे में भले ही शासन द्वारा 40 बेड के जिला अस्पताल को अब 100 बेड का कर दिया हो, लेकिन मरीजों को बेहतर सुविधाओं के नाम पर सिर्फ यहां कुछ दिन रखकर रेफर टू हायर सेंटर कर दिया जाता है। स्टाफ द्वारा भी कई बार बिल्डिंग की मरम्मत के लिए कहा गया, लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। सीएमओ डॉ अर्जुन सिंह सेंगर का कहना है कि बिल्डिंग की दुर्दशा की उन्हें जानकारी है, उनका कहना है कि चिकित्सा प्रबंधन समिति को इसकी मरम्मत की जाए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ऐसे में सवाल यही है कि क्या बेड की संख्या बढ़ा देने से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएंगी और अस्पताल की बिल्डिंग की दुर्दशा के कारण यदि कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?