नैनीताल- हाईकोर्ट ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया. इस बार का फैसला वाहन चालकों के लिए लिया गया. दरअसल सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वाहन चलाते हुए मोबाइल का प्रयोग करने वालों का लाइसेंस निरस्त किया जाए।साथ ही ये भी कहा कि जब तक लाइसेंस निरस्तीकरण की व्यवस्था लागू नहीं होती, ऐसे वाहन चालकों से पांच हजार रुपए जुर्माना वसूला जाए।
हेलमेट की अनिवार्यता के नियम का पुलिस सख्ती से पालन कराए
न्यायमूर्ति द्वय ने यह भी आदेश दिए हैं कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता के नियम का पुलिस सख्ती से पालन कराए। कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि हेलमेट आईएसआई मार्क का ही हो और नियमों के पालन के लिए एसएसपी, सीओ व कोतवाल मुख्यतौर पर जिम्मेदार होंगे।
नाबालिगों को न तो लाइसेंस जारी किए जाएं और न ही उन्हें वाहन चलाने दिए जाए
कोर्ट ने यह भी कहा कि नियमों का पालन न होने पर प्रदेश के किसी भी नागरिक को यह छूट है कि वह मामले से हाईकोर्ट को अवगत कराए। कोर्ट ने सरकार को यह आदेश भी दिए हैं कि नाबालिगों को न तो लाइसेंस जारी किए जाएं और न ही उन्हें वाहन चलाने दिए जाए।
अविदित नोलियाल ने हाईकोर्ट में जनहित की थी याचिका दायर
इस मामले में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों से जुड़े अविदित नोलियाल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 128 व 129 का कठोरता से पालन नहीं करा रही है। इससे दुर्घटनाएं बढ़ रहीं हैं। छोटे-बड़े वाहन अपनी लंबाई से ज्यादा लंबे पोल, पाइप, सरिया आदि ले जाते हैं। इससे भी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। वर्तमान हालात में याचिका के तथ्यों को कोर्ट में सही पाया गया. इस पर खंडपीठ ने ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बातचीत करने के पर कठोर कार्रवाई, हेलमेट की अनिवार्यता का सख्ती से पालन कराने का आदेश दिया।
वाहन में उसकी लंबाई से ज्यादा के सरिया, स्टील,लोहे के रॉड, खंभे पाइप आदि ले जाना प्रतिबंधित
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी वाहन में उसकी लंबाई से ज्यादा के सरिया, स्टील और लोहे के रॉड, खंभे पाइप आदि ले जाना प्रतिबंधित करें। सरकार को निर्देश दिए कि मोटरयान एक्ट की धारा 128 और 129 को कड़ाई से लागू करें। कोर्ट ने कहा कि समस्त विद्यालयों तथा शिक्षण संस्थानों के प्रधानाध्यापक विद्यार्थियों को वाहन चलाने संबंधी निर्देशों तथा नियमों से अवगत कराया जाए।