नैनीताल: हाई कोर्ट ने प्राचार्य के सामने महिला प्राध्यापक से बदसलूकी के मामले में बर्खास्त किए गए प्राध्यापक के खिलाफ कार्रवाई को नियम विरुद्ध करार दिया है। साथ ही बर्खास्त प्राध्यापक को बहाल करते हुए चार सप्ताह में एरियर के अलावा परिवाद व्यय के एक लाख रुपये अदा करने का आदेश पारित किया है। कोर्ट ने कॉलेज को पिछले पांच साल में दी गई ग्रांट की जांच करने के निर्देश भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को दिए हैं।
दरअसल, 2014 में बीएसएम कॉलेज रुड़की के असिस्टेंट प्राध्यापक सम्राट शर्मा पर हिंदी विभागाध्यक्ष पद पर कार्यरत महिला ने प्राचार्य के सामने बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। इस पर पहले कॉलेज प्रबंधन द्वारा उन्हें निलंबित, फिर बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी की सहमति गढ़वाल विवि के कुलपति से भी ली गई।
प्रबंधन की इस कार्रवाई को प्राध्यापक शर्मा द्वारा याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को अंतिम रूप से निस्तारित करते हुए प्राध्यापक को बहाल करने, उसके एरियर का भुगतान करने तथा एक लाख की रकम परिवाद व्यय के तौर पर अदा करने का आदेश पारित किया है।