हरिद्वार- बेशक आज सतपाल ब्रह्मचारी के समर्थक हरीद्वार शहरी सीट पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को कांग्रेस टिकट मिलने से उदास हों लेकिन हकीकत ये है कि सतपाल ने ही ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के लिए खत लिख कर टिकट की पैरवी की थी। ।
खबर के मुताबिक 6 जनवरी 2017 को इस बारे में सतपाल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से शहरी सीट से ब्रह्मस्वरूप को टिकट देने की की मांग की गई थी। सीएम को भेजी गई चिट्ठी में टिकट के दो अन्य दावेदारों संजय पालीवाल और पुरुषोत्तम शर्मा के हस्ताक्षर भी हैं। तीनो ने संयुक्त रूप से ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को टिकट देने की मांग करते हुए चुनाव में उनका समर्थन करने की बात कही थी।
अब जब हाई कमान में ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का टिकट तय कर दिया है तो बीते दिनों सतपाल ब्रह्मचारी और उनके समर्थक विरोध करते देखे गए। हलांकि मुख्यमंत्री ने टिकट बंटबारे को लेकर बढ़ते इस असंतोष पर काबू पा लिया हैं। मगर समर्थकों में आज भी सतपाल का टिकट कटने का मलाल और मायूसी पसरी हुई हैं।
चुनाव नहीं लड़ने के लिए संयुक्त रूप से लिखे गए पत्र की बात आखिरकार सतपाल ब्रह्मचारी द्वारा अपने समर्थकों के बीच क्यों सार्वजनिक नहीं की गई? इसमें दोष किसका हैं? विरोध जताने वाले समर्थकों यह सवाल सतपाल से करना चाहिए। क्यों पत्र देते हुए सतपाल ब्रह्मचारी ने अपने समर्थकों से इस बात के लिए रायशुमारी करना जरूरी नहीं समझा? सवाल ये भी ही उठ रहा है कि जब सतपाल ब्रह्मचारी पहले ही लिखित में ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को टिकट देने की पैरवी कर चुके थे तो फिर अब समर्थकों के सामने विरोध का नाटक क्यों कर रहे थे?
सतपाल ब्रह्मचारी ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को जो अपने पुरुषोत्तम शर्मा तथा संजय पालीवाल के हस्ताक्षर युक्त पत्र को भेजा था उसमें साफ तौर लिखा था कि हम सब मिलकर तन-मन-धन से ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को विजयी बनायेंगें, इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी व कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा तथा उपरोक्त सीट से 27 वर्षों का कांग्रेस का वनवास भी खत्म हो जाएगा। इसके लिए हम सब आपके आभारी रहेंगे।