डेस्क। युद्ध की त्रासदी एक आम महिला के साथ कैसा विद्रूप रचती है, यह शरबत बीवी से भला ज्यादा कौन जान सकता है। जिन्हें अवैध तरीके से पाकिस्तान में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। नेशनल जियोग्राफ़ी की मशहूर ‘अफगान गर्ल’ को जालसाज़ी के इल्ज़ाम में पेशावर पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। अफगान शरणार्थी शरबत वही हरी आंखों वाली लड़की शरबत गुल है, जिनकी ओर तीन दशक पहले जून, 1985 में तब दुनियां का ध्यान गया था, जब नेशनल जियोग्राफिक पत्रिका में उनकी तस्वीर छपी थी। तब वह केवल 12 बर्ष थी। उन्हें अपने कैमरे में कैद करने वाले फोटोग्राफर थे स्वीट मैककरी। तस्वीर में उनकी आंखें बेहद गुस्से से कैमरे को देख रही हैं। जबकि, चेहरे में मासूमियत और गहरी पीड़ा थी। यह वह दौर था जब अफगानिस्तान में सोवियत सेनाओं ने कब्जा कर रखा था। छह बर्ष में उनके माता-पिता कि मौत हो गई थी। जंग की वजह से अपने भाई और तीन बहनों तथा दादी के साथ सरहद पार कर पाकिस्तान आ गई थी। इस तस्वीर के खबर बन जाने के 17 साल बाद 2002 में अफगान गर्ल को तलाशने के लिए स्वी़ट जियोग्राफिक चैनल की टीम के साथ उसके घरवाले अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा पर पहुचे थे। काफी मशक्कत के बाद वह उन्हें तोरा बोरा की पहाड़ियों पर मिली थी। अब चालीस साल से उपर की हो चुकी शरबत गुल फिर खबरों में है, मगर उनके जीवन में कुछ नहीं बदला सिवाय उम्र के।