देहरादून – सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए तीन वरदान मांगे हैं। जिसके लिए उन्होंने देश के गृहमंत्री को एक एक खत लिखा है। खत का मजमून है कि राज्य की चीन से सटे सीमांत पहाड़ी क्षेत्रों मे खेती कर रहे परिवार के एक सदस्य को अर्द्ध सैनिक बलों में भर्ती करने के लिए एक नीति बनाई जाए। बुनियादी सहूलियों से महरूम सीमांत इलाकों में आवागमन की सुविधाएं दी जांए और इन इलाकों के स्थानीय उत्पादों पर 40 फीसदी बोनस दिया जाए।
गृहमंत्री को लिखे पत्र मे मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि राज्य के सीमान्त जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों में बसी आबादी सीमा की बेहतरी चौकसी करती है जब भी चीन कुछ गड़बड़ी करने की कोशिश करता है तो इस इलाके के लोग सेना को चौकस कर देते हैं। लेकिन बुनियादी सहूलियत और रोजगार के आभाव में ऐसे इलाकों की आबादी लगातार पलायन कर रही है जो देश की सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा खतरा है लिहाजा इस आबादी के लिए कल्याणकारी योजनाओं की दरकार है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र के जरिए केंद्र से अनुरोध किय़ा है कि सुगम-सुविधायुक्त सीमान्त के लिये आवागमन के साधन बढाने होंगे। इन क्षेत्रों के स्थानीय उत्पादों व हस्तकला आधारित उत्पादों की बिक्री पर 40 प्रतिशत तक बोनस मिलना चाहिए ताकि आमदनी में स्थानीय स्तर पर इजाफा हो सके। जबकि सामरिक महत्व के इन क्षेत्रों में रह कर खेती-बाड़ी कर रहे परिवारों के एक योग्य सदस्य को अर्द्ध सैन्य बलों में भर्ती करने की नीति क्रियान्वित की जाय। ताकि युवा पलायन पर अंकुश लग सके। जबकि राज्य के टिहरी जनपद के घनसाली, चम्पावत जनपद में लोहाघाट, चम्पावत जबकि उधमसिंहनगर का खटीमा विकासखण्ड को भी सीमान्त क्षेत्र की परिभाषा में शामिल किया जाय। ताकि सीमाएं महफूज और राज्य विकसित हो सके। खत तो भेज दिया है बस देखना ये है कि जवाब आता है या नहीं।