रुड़की: चंद्रशेखर चौक के पास गंगनहर पर बने नए पुल का नामकरण करने का मामला तूल पकड़ गया है। पुल के नामकरण को लकेर कांग्रेस-भाजपा आमने सामने आ गई है. दरअसल विधायक प्रदीप बत्रा ने पुल का नामकरण करते हुए इस पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रकाश गंगा ब्रिज के नाम से एलईडी लगवा दी. जिससे एक बार फिर सियासत गरमा गई और एक बार फिर कांग्रेस-भाजपा आमने सामने आ गई.
कांग्रेसियों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस पुल का नाम किसी महापुरुष, शहीदों या किसी स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जाना चाहिए. जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुल पर लगे बोर्ड को तोड़ डाला और उसकी जगह दूसरा बोर्ड सरदार भगत सिंह क्रांति सेतु नाम का बोर्ड चस्पा किया और साथ ही इस काम के लिए भाजपा को जमकर कोसा.
विधायक को कहा गुंडा
विरोधकर्ताओं ने विधायक प्रदीप बत्रा को गुंडा करार दिया. जिसके बाद घमासान युद्ध छा गया जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुँची. कांग्रेसियो और पुलिस के बीच हल्की नोक-झोंक भी हुई. कांग्रेसियों का कहना है कि पुल विधायक के पिता की सम्पत्ति नही है तो उनको नामकरण करने का हक नहीं है. साथ ही कांग्रेसियों ने प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश सरकार को भी जमकर बुरा-भला कहा.
बैठक में नाम का प्रस्ताव पास होता है
वहीं, शहर के लोगों का आरोप है कि गलत तरीके से पुल का नामकरण किया गया है। इसे लेकर काग्रेस ही नही भाजपा के अंदर भी कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि पुल का नामकरण करने के लिए शासन से नोटिफिकेशन जारी होता है या फिर नगर निगम बोर्ड की बैठक में नाम का प्रस्ताव पास होता है। विधायक प्रदीप बत्रा ने नियमों की अनदेखी कर इसका नामकरण कर दिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम के साथ अपने प्रतिष्ठान से जुड़ा नाम प्रकाश भी जोड़ा है।
बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर शहरभर में हंगामा हो सकता है। बताते चलें कि पिछले कई दिनों से पुल के नामकरण को लेकर शहर में राजनीति चल रही है। उधर, विधायक प्रदीप बत्रा का कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। लोगों को चर्चा करने का हक है। यह नामकरण शासन से हुआ है।