देहरादून-बिना शिक्षा विभाग की एनओसी के उत्तराखंड भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अपर कार्यकारी अधिकारी बनाई गई दमयंती रावत के खिलाफ शिक्षा विभाग की जो जांच चल रही थी वह जांच दो माह पूर्व पूरी हो गई थी और जांच अधिकारी बनाई गई एसीईआरटी की निदेशक सीमा जौनसारी ने जांच रिपोर्ट शसन को भेज दी थी। जांच किन बिंदुओं पर की गई है ये तो स्पष्ट नहीं है लेकिन जांच करने के आदेश जो शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख दिए थे,उनमें पहला और अहम बिंदु यही हो सकता है कि दमयंती रावत बिना शिक्षा विभाग को सूचित किए हुए 1 साल 2 महीने तक कहां गायब थी. इसी जांच बिंदु के बाद ऐसा माना जा रहा था कि दमयंती रावत को शिक्षा विभाग उत्तराखंड भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में जाने को लेकर एनओसी जारी करता।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई पर है सबकी नजरें
उत्तराखंड में जब से त्रिवेंद्र सरकार आई है तब से कई लापरवाह अधिकारियों पर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने को लेकर कार्रवाई की गई है और यही वजह रही है कि जब दमयंती रावत के लिए उत्तराखंड भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने शिक्षा विभाग से एनओसी मांगी तो शिक्षा विभाग ने दमयंती रावत को एनओसी देने से इंकार कर दिया और विभाग से बिना बताए गायब रहने पर जांच बिठा दी.
शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद विभाग ने बैठाई थी वह जांच पूरी
अब दमयमंती रावत के खिलाफ जो जांच शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद विभाग ने बैठाई थी वह जांच पूरी हो गई है. आपको बात दें की शिक्षा विभाग में दमयंती रावत ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी के पद पर हैं। लेकिन सबकी नजरें इस बात पर लगी है कि 16 जनवरी 2018 को दमयंती रावत को एनओसी देने से इसलिए शिक्षा विभाग ने मना कर दिया था कि दमयंती रावत प्रतिनियुक्ति के लिए दी जाने वाली एनओसी के लिए पात्र नहीं हैं तो ऐसे में अब शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करता है।
कैबिनेट मंत्री हरक की करीबी है दमयंती रावत
शिक्षा विभाग की ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत हरक सिंह की करीबी है और कांग्रेस सरकार में जब हरक सिंह रावत कृषि मंत्री थे तब हरक सिंह रावत ने बिना एनओसी के खाद्य एवं बीज प्रामाण बोर्ड में नियुक्ति दिला थी. जिसके बाद कांग्रेस सरकार में बगावत करने वाले हरक सिंह की बगावत करने के तुरंत बाद हरीश सरकार ने दमयंती रावत की प्रतिनियुक्ति खारिज कर दी थी और उन्हे उनके मूल विभाग शिक्षा विभाग भेज दिया था।
इसी बीच दमयंती रावत बिना बताएं शिक्षा विभाग से बिना बताएं गायाब हो गई। फिर त्रिवेंद्र सरकार में श्रम मंत्री बनने के बाद हरक सिंह रावत ने दमयंती रावत को भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अपर कार्यकारी अधिकारी तो बना दिया लेकिन दमयंती को शिक्षा विभाग से एनओसी नहीं दिला पाए।