अपनी रोज मर्रा की जिंदगी में हम सभी सफर करते हैं…आप भी करते होंगे…और कई बार आपने किसी से लिफ्ट मांगकर भी सफर किया होगा…अपने घर पहुंचने और घरवालों से मिलने की जल्दीबाजी में हम किसी पर भी भरोसा करेक लिफ्ट ले लेते है या किसी के कहने पर उसकी गाड़ी में बैठ जाते है.
लेकिन आपको पता है कि कभी-कभी यही लिफ्ट किसी इंसान पर कितना भारी पड़ जाती है. हरिद्वार के सुनील नाम के युवक को किसी अनजान से लिफ्ट लेना इतना भारी पड़ा की उसे अपनी जान ग्वानी पड़ी और एक साल के सफर में ही अपनी धर्मपत्नी का और 4 महीने की बेटी का साथ छोड़ गया. उसकी इतनी निर्मम हत्या कर दी गई की फोटो भी विचलित कर देगी.
दरअसल मृतक सुनील गुरुग्राम से हरिद्वार जाने के लिए शाम को घर से निकला था. गुरुग्राम के बस अड्डे पर बस का इंतज़ार कर रहे था. तभी अचानक एक आल्टो कार आई और सुनील से पूछा कि कहाँ जा रहे हो? हरिद्वार कहते ही बोला पीछे दो सवारी हैं वहीं जा रहे हैं। और सुनील को पीछे प्रेस की गाड़ी में बैठने के लिए कहा. शाम 7:30 बजे चले थे। 8:30 बजे के बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ…अगले दिन दिल्ली पुलिस को महिपालपुर के पास के जंगलों से शव मिला । इस बीच गुरुवार पूरी रात उनके एटीएम से दिल्ली के महिपालपुर, शालीमार बाग़, किंग्सवे कैम्प, मजनू का टीला से हर बार 10-10 हज़ार निकले। शुक्रवार को दिन में 1 से 4 बजे के बीच बिग बाज़ार से उसी कार्ड से शॉपिंग भी हुई.
इसकी जानकारी मृतक के ही परिजन(नीरज भट्ट) ने फेसबुक वॉल में पोस्ट के जरिए दी. उसने लिखा की आज लिखने के लिए अपनी लाचारी है मेरे पास, मैं बेचारा सा महसूस कर रहा हूँ और अपनी 26 साल की मौसेरी बहन के 27 साल के पति का अंतिम संस्कार कर लौटा हूँ। साथ ही उसने बताया कि मृतक की पिछले साल ही शादी हुई थी और उसकी 4 महीने की बेटी है.
घबराई मेरी भांजी का फ़ोन आया…मामा आप तो मीडिया में हो कुछ करो…मैं इतना कर पाया…फ़ेसबुक पर पोस्ट लिख रहा हूँ…गुरुग्राम पुलिस के पास सुबह सवा चार बजे गये। बोले अभी कुछ नहीं हो सकता। स्टाफ़ नहीं है…9 बजे आना…10:30 बजे तक कुछ नहीं किया…दोपहर में सादे काग़ज़ शिकायत ले ली…शाम 5:30 बजे FIR लिखी है…और अब कह रहे हैं कि जल्दी कुछ करेंगे.