देहरादून- सूबे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रही है आगामी 25 सितंबर को लघु सीमांत तथा बीपीएल किसानों को एक लाख तक के फसली ऋण 2 प्रतिशत ब्याज पर प्रदान करने की योजना आरंभ की जाएगी।
सीएम ने कहा राज्य में सहकारिता सहभागिता तथा सहकारी बैंकों को मजबूत करने हेतु राज्य सहकारी बैंकों को विभागों द्वारा 1000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सहकारी बैंकों द्वारा 114 माइक्रो एटीएम का संचालन आरंभ किया जाएगा। सहकारिता सहभागिता योजनान्तर्गत वितरित ऋणों के ब्याज पर रू0 8973.87 लाख के प्रतिपूर्ति का 50 प्रतिशत लाभ में चल रहे सहकारी बैंको के लाभ से तथा 50 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी। सहकारी बैकों के एनपीए का समाधान शीघ्र किया जाएगा।
बुधवार को सचिवालय में आयोजित सहकारिता सहभागिता की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए की सहकारी बैंकों के सभी खाते एक महीने का विशेष अभियान चलाकर ऑनलाइन किए जाएं। जबकि बैंकों को अपने बोर्ड ऑफ गवर्नेंस तथा कार्यकारी तंत्र में प्रोफेशनलिज्म तथा पारदर्शिता अपनाएं। जरूरत हो तो बैंक का थर्ड पार्टी ऑडिट करवाया जाय।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से उपस्थित सहकारी बैंको के पदाधिकारियों से बैंको की वितीय स्थिति की ताजी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बैंक पदाधिकारियों को स्पष्ट किया कि सहकारी बैंको को बैंकिंग में प्रोफेशनिल्जम लाना होगा।
राज्य में सहाकारिता मजबूत है। सहकारी बैंको को इस बात का विशेष ध्यान देना है कि बैंक लघु किसानो, छोटे उद्यमियों आदि बीच अपना धन लगाये। हमें अपने उत्पादों की ब्राण्डिग को मजबूत करना होगा। सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारना होगा। मास्टर प्लान के अन्तर्गत कृषि गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाले सभी संस्थाओं, सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों तथा विभागों के प्रयासों व योजनाओं को इन्टिग्रेटेड किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि आधारित किसी भी गतिविधि, औषधीय व सुगन्धित पौधो की खेती, पशुपालन, मत्सय पालन, कृषि उत्पादों के उत्पादन, प्रसस्ंकरण, मार्केटिंग आदि को प्रोत्साहन देने में सहकारिता सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।