देहरादून: भारत सरकार ने उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 515.99 करोड़ रुपये देना मंजूर किया है। हालांकि, डिमांड 530.13 करोड़ रुपये की भेजी गई थी। इनमें से 208.53 करोड़ रुपये का आवंटन मिशन फ्लेक्सिबल पूल के तहत किया गया है। जिसमें ओरल हेल्थ, बहरेपन से बचाव एवं नियंत्रण, पैलिएटिव केयर, बर्न्स एंड इंजरी में क्षमता निर्माण व फ्लोरोसिस रोग का नियंत्रण आदि शामिल है। टीकाकरण कार्यक्रम के लिए 15.32 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। केंद्र ने राज्य को स्वीकृत धनराशि में से अधिकतम बजट उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में खर्च करने का निर्देश दिया है।
इस बार नया पहलू यह है कि नीति आयोग निर्णायक घटकों में सूचकांक बढ़ने-घटने पर प्रोत्साहन और पेनल्टी तय करेगा। ऐसे सात निर्णायक घटक हैं। सभी स्वास्थ्य संकेतकों में समग्र सुधार प्राप्त करने के लिए अधिकतम 50 अंक दिए जाएंगे। जबकि मौजूदा संकेतकों में गिरावट पर यह घट जाएगा।
जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए भी प्रमुख कदम उठाए गए हैं। जिसके बाद अब जिला अस्पताल का मूल्यांकन, वेलनेस सेंटर का संचालन आदि के लिए 10 अंक हैं। इसके अलावा मनोरोग व गैर संचारी रोगों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। केंद्र सरकार राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधा में सुधार की इच्छुक दिख रही है। प्रदेश को आगाह किया गया है कि प्रत्येक जिला अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।