नैनीताल- हाई कोर्ट ने राज्य के 3131 अतिथि शिक्षकों (प्रवक्ता) को दीपावाली का शानदार तोहफा दिया है। जबकि सरकार को बड़ी राहत, सरकार के आग्रह पर कोर्ट ने इन अतिथि प्रवक्ताओं को मार्च 2018 तक तैनाती देने की इजाजत दी है। कोर्ट के आदेश के बाद अब इसी साल मार्च से हटे इन अतिथि शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
हाई कोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद अतिथि शिक्षक सेवा से हट गए थे। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अतिथि शिक्षकों द्वारा विशेष अपील दायर की गई, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार करते हुए एलटी पदों पर गेस्ट टीचर को मार्च 2018 तक रखने का आदेश दे दिया था।
गौरतलब है कि प्रवक्ता पदों पर कार्यरत गेस्ट टीचरों को इस आदेश से राहत नही मिली थी तो नैनीताल के ललित मोहन सिंह व अन्य द्वारा विशेष अपील दायर की गई। जिस पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ सुनवाई हुई।
सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि अतिथि शिक्षकों के हटने की वजह से शैक्षणिक कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है। सरकार की ओर से पिछले साल राज्य लोक सेवा आयोग को नौ सौ से अधिक प्रवक्ता पदों पर नियुक्ति का अध्याचन भेजा गया, लेकिन आयोग ने कुछ बिंदुओं पर आपत्तियां लगा दी। जिनका लगातार निस्तारण हो रहा है।
खंडपीठ ने सरकार की दलीलों को सुनने के बाद विशेष अपील स्वीकार करने के साथ ही निस्तारित कर दी। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के तीन हजार से अधिक प्रवक्ता अतिथि शिक्षकों की बहाली का मार्ग प्रशस्त हो गया। यानि 2018 तक सरकार और अतिथि प्रवक्ता दोनों टेंशन फ्री।