देहरादून- मुमकिन है कि आने वाले वक्त में ‘गुंजी’ गांव के किसी मरीज को धारच्यूला के सरकारी अस्पताल में दून मेडिकल कॉलेज के नामी फिजिशियन का ईलाज मिल जाए। जी हां उत्तराखंड के लिए ये गुड न्यूज है कि अब दूर-दराज के मरीजों को शहरों में गंभीर रेडियोलॉजी वाली जांच के लिए धक्के न खाने पड़ें।
सूबे में ऐसा होने वाला है सरकार ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दरअसल उत्तराखण्ड में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते बदनाम हो रही चिकित्सा व्यवस्था की साख बचाने के लिए सरकार ‘’टेली रेडियोलॉजी’’ तकनीक पर दांव खेला है। देहरादून के दून अस्पताल मे इसी हफ्ते और बाकी जिलों के सरकारी अस्पतालों में एक -डेढ़ पखवाडे़ के भीतर ये तरकीब रंग दिखाने लग जाएगी।
इस तकनीक का इस्तमाल करने वाला उत्तराखंड अब देश का ऐसा पांचवां राज्य बन जाएगा जहां सरकार ने बे-पटरी हुई सरकारी चिकित्सा सुविधा को टेली रेडियोलॉजी के जरिए पटरी पर लाया है। उत्तराखंड से पहले हरियाणा, आसाम, मेघालय और आन्ध्रप्रदेश टेली रेडियोलॉजी को अपना चुके हैं।
टेली रेडियोलॉजी सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य ओम प्रकाश ने बताया कि इस प्रणाली के जरिए दूरस्थ अस्पताल में भर्ती मरीज का एक्स-रे, सी0टी0 स्कैन और एम0आर0आई0 एक निर्धारित उच्च गुणवत्ता केन्द्र पर कराया जा सकता है। टेली रेडियोलॉजी से प्राप्त रिपोर्ट को विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से देख सकते है और अपनी राय तथा परामर्श दूरस्थ चिकित्सालय पर तैनात चिकित्सक को सरलता से बता सकते है।
इस प्रकार उपचार लेने वाले मरीज को भी बिना रेडियोलॉजिस्ट से मिले हुए सम्पूर्ण जांच तथा परीक्षण की सूचना प्राप्त हो जाती है। टेली रेडियोलॉजी तकनीक से मरीज का 30 से 40 मिनट के भीतर पूरा मुआयना तो किया ही जा सकता है परीक्षण की रिपोर्ट भी दूर बैठे डॉक्टर तक आसानी से पहुंचायी जा सकती है।
यानि इस तकनीक के लागू होने के बाद दूर दराज के मरीजों को एक्स-रे, सीटीस्कैन और एमआरआई जैसी जांचों के लिए शहरों में धक्के नहीं खाने पड़ेगे। बताया जा रहा है कि दून चिकित्सालय में इस तकनीक से इलाज 1-2 दिनों में शुरू हो जाएगा, जबकि राज्य के दूसरे 35 राजकीय चिकित्सालयों में यह तकनीक एक-डेढ़ पखवाड़े में शुरू हो जाएगी।
गौरतलब है कि हल्द्वानी के सुशीला दत्त तिवारी मेडिकल कॉलेज में ये चिकित्सा पद्धति पहले से ही नोएडा का Vital Tele-radiology संस्थान दे रहा है। जबकि अब यही संस्थान राज्य के सभी 35 अस्पतालों में भी अपनी सहूलियत देगा।