देहरादून- कभी फीस बढ़ोतरी तो कभी रोजगार के मामले से लेकर राज्य से जुड़े हर मुद्दे पर पूर्व सीएम हरीश रावत अपने विचार रखते हैं और तीखे तेवरों के साथ राज्य सरकार पर वार करते रहते हैं. सोशल मीडिया पर एक के बाद एक वार पर वार किए जा रहे हरीश रावत ने एक बार फिर राज्य सरकार को निकाय चुनाव को लेकर घेरा. और फेसबुक पर एक पोस्ट किया.
फेसबुक पोस्ट के जरिए किया वार
कितने दुख का विषय है कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत गठित संस्था का प्रमुख, राज्य सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री से समय पर चुनाव करवाए जा सकें नगरपालिकाओं और नगर निगमों के। वो समय मांगते हैं बातचीत का पर उनको समय नहीं दिया जाता हैं। वो आवश्यक धन मांगते हैं ताकि निष्पक्ष चुनाव करवाए जा सकें, ईवीएम पर वीवीपैट का उपयोग किया जा सके, उनको धन भी उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। हर संभव प्रयास किया जाता है कि चुनाव टाले जाएं, जानबूझकर के सरकार ने इस प्रक्रिया को इस तरीके से उलझाया, पहले परिसीमन के नाम पर फिर आरक्षण के नाम पर और अब न्यायालय के नाम पर ताकि समय पर राज्य में नगरपालिकाओं, नगर पंचायतों और नगर निकायों के चुनाव न हो सकें।
उन्होंने आगे लिखा कि आसन्न हार को देखते हुए राज्य सरकार ने जानबूझ कर के ये संकट खड़ा किया है। राज्य के सम्मुख एक गंभीर संवैधानिक संकट के समकक्ष संकट खड़ा हो गया है। किन शब्दों में इस संकट को खड़ा करने के लिए वर्तमान सरकार की निंदा की जाए, मेरे लिए शब्द ढूंढने कठिन हो रहे हैं।