टिहरी(हर्षमणि उनियाल)- घनसाली विधानसभा के अगुंडा गाँव से दर्जा 11 में पढनेवाली लापता हुई नाबालिक लड़की का चार दिन बाद कोई सुराग नहीं है।
अगुड़ा गांव के प्रधान के मुताबिक लापता हुई लड़की बीते 5 मार्च को पेट दर्द की दवा लेने के लिए चमियाला बाजार गई थी। उसके बाद से लड़की का कोई अता पता नहीं है।
अपनी बेटी की खोज-खबर करने में लड़की के दिव्यांग पिता लाचार हैं। मां है नहीं, मां की मौत 10-11 साल पहले हो चुकी है जबकि एक भाई है वो मुंबई के किसी होटल में काम करता है।
लिहाजा बिन मां और दिव्यांग पिता की बेटी को चमियाला बाजार में जमीन निगल गई या आसमान किसी को कुछ सुझाई नहीं दे रहा।
मूक-बधिर पिता की हालत ऐसी है कि वे न तो सुन पाते हैं और न अपनी बात किसी से कह पाते हैं। ऐसे में बेटी के लापता हो जाने का गम उनकी आंखो से बहते अांसू बयां कर रहे हैं।
अपनी लाचारी से मजबूर पिता को समझ नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें। पिता को समझ नहीं आ रहा है कि बेटी को किसी ने अगुवा किया है, बहला फुसला कर ले गया है या उसके साथ कोई अनहोनी हो गई है। लाचार पिता के हाव-भाव बता रहे हैं कि बेटी के लापता हो जाने पर उन्हें कितनी पीड़ा हो रही है।
बहरहाल लापता नबालिग लड़की का मोबाइल भी लापता होने के बाद से बंद आ रहा है। कई करीबी लोगों ने लड़की के मोबाइल नंबर 09756153210 पर संपर्क साधने की कोशिश कर ली है लेकिन फोन बंद आ रहा है। वहीं रिश्तेदारोंऔर ग्रामीणों की काफी खोज बीन के बाद भी जब लड़की का कोई सुराग नहीं मिलातो उन्होंने क्षेत्रीय पटवारी को इसकी सूचना दी।
जबकि जिला विधिकसेवा प्राधिकरण के दीपक थपलियाल,अपने सहयोगी हर्षमणि उनियाल के साथ लड़की की गुमशुदगी के बारे में तेजी लाने को कहा तो पटवारी के मुताबिक लड़की रेगुलर पुलिस क्षेत्रचमियाला में गायब हुयी है लिहाजा गुमशुदगी की जांच और खोज-बीन पुलिस करेगी। जबकि घनसाली थानाध्यक्ष का कहना है कि, मामला पटवारी क्षेत्र का है लिहाजा पुलिस का कोई लेना देना नहीं।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लापता हुई बेटी के दिव्यांग पिता को न्याय कैसे मिलेगा?