देहरादून,संवाददाता- गैरसैंण कोई जगह का नाम नही है,ये अलग राज्य की अवधारणा का मूल केंद्र हैं। सरकार को राज्य स्थापना दिवस यानि 9 नवंबर को राज्य की स्थाई राजधानी के लिए गैरसैंण का ऐलान कर देना चाहिए। ये कहना है उत्तराखंड महिला मंच की संयोजक निर्मला बिष्ट का। बिष्ट कहती है जब से अलग राज्य बना है तब से लेकर अब तक की सभी सरकारों ने राज्य की जनता को गैरसैंण के नाम पर ठगा है। जिन राज्य आंदोलनकारियों और आम उत्तराखंडियों ने राज्य की लड़ाई लड़ी है उन्होंने गैरसैंण को बहुत पहले राजधानी घोषित कर दिया था। कोशिक समिति की रिपोर्ट रही हो या दीक्षित आयोग की रिपोर्ट सभी ने गैरसैंण को राजधानी प्रस्तावित किया है, बावजूद इसके सरकारें गैरसैंण के नाम पर जनता को छल रही है। गैरसैण में विधानसभा सत्र का आयोजन सिर्फ जनता के पैसे की बर्बादी है और सरकारों का नाटक। महिला मंच ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार ने 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के दिन गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया तो महिला मंच फिर से राज्य आंदोलनकरियों को एकत्र कर दूसरा आंदोलन शुरू कर देगा।