चेन्नई: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और तमिल राजनीति के दिग्गज नेताओं में से एक एम करुणानिधि का मंगलवार शाम देहांत हो गया। वह 94 वर्ष के थे। यह तमिल राजनीति के लिए दो साल के अंतराल में दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले एआई़डीएमके प्रमुख जे जयाललिता का लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था।
करुणानिधि को 27 जुलाई को देर रात तबीयत खराब होने की वजह से चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके लिए अस्पताल में स्पेशल आईसीयू सेटअप किया गया था।
शॉक से दर्जन भर लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जब करुणानिधि बिमार थे औऱ सीरियस थे इससे उनके चाहने वालों को धक्का लगा और दर्जनभर लोगों की मौत होगई थी.
पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने
3 जून 1924 को जन्मे करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 10 फरवरी 1969 को पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह तमिलनाडु की सत्ता पर सबसे ज्यादा समय तक काबिज रहने वाले मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 6,863 दिन तक मुख्यमंत्री का पद संभाला। उन्होंने 60 साल के राजनीतिक करियर में अपनी भागीदारी वाले हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाया।
तमिल फिल्मों में स्क्रिप्ट राइटर के रूप में की करियर की शुरुआत
तमिल फिल्म जगत में स्क्रिप्ट राइटर के रूप में करुनानिधि ने अपने करियर की शुरुआत की थी। वे द्रविड़ आंदोलन से जुड़े थे। अपने ज्ञान और भाषण देने की कला में माहिर होने की वजह से वो बहुत जल्दी एक कुशल राजनेता बन गए। करुणानिधि समाजवादी आदर्शों को बढ़ावा देने वाली ऐतिहासिक और सामाजिक कहानियां लिखने के लिए मशहूर थे।
राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिए तमिल सिनेमा बेहतरीन इस्तेमाल
करुणानिधि ने राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिए तमिल सिनेमा बेहतरीन इस्तेमाल किया। उन्होंने पराशक्ति नामक फिल्म के माध्यम से अपने राजनीतिक विचारों का लोगों के बीच प्रचार करना शुरू किया। यह फिल्म तमिल सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। इसमें द्रविड़ आंदोलन की विचारधारा का समर्थन किया गया था। शुरुआत में इस फिल्म पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था लेकिन साल 1952 में इसे रिलीज कर दिया गया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस में बड़ी हिट साबित हुई.