डेस्क- गरीब परिवार में जन्म लेने वाले उत्तराखंड के बेटे ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा की चमक है और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। अल्मोड़ा के जितेंद्र सिंह बिष्ट फीफा अंडर-17 वर्ल्ड के लिए भारतीय टीम के उप कप्तान बनाए गए हैं। हालांकि इससे पहले जितेंद्र अंडर-13, अंडर-14 व अंडर-16 में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं।
शायद जितेंद्र जैसी प्रतिभाओं को देखकर ही कहा गया होगा कि,” पंखों से क्या होता है हौंसलों से उड़ान होती है, मंजिल उसको मिलती है जिसके सपनों में जान होती है।” हुनर की राह में संसाधन रोड़े नहीं बन सकते और जितेंद्र जैसे काबिल तमाम रुकावटों के बावजूद अपना मुकाम हासिल कर ही लेते हैं।
अल्मोड़ा के ज्यूड गांव निवासी और अब कोलकता में रहने वाले उत्तराखंड के लाल जितेंद्र ने ये साबित कर दिखाया है।जी हां, बेहद गरीब परिवार में जन्मे जितेंद्र के पिता कोलकाता में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं जबकि मां हेमा देवी घर पर सिलाई का काम करती है। जितेंद्र के बड़े भाई सूरज भी कोलकाता में क्लब फुटबाल खेलते हैं।
बचपन में सूरज और जितेंद्र दोनों ही क्रिकेट खेला करते थे। लेकिन क्रिकेट के लिए किट लेने को उनके पास पैसे नहीं होते थे। लिहाजा सूरज और जितेंद्र नेफुटबाल खेलना शुरू किया। आज आलम ये है कि दोनों भाई अपने हुनर के लिए पूरे कोलकता में मशहूर हैं। जितेंद्र का सपना है भारत की सीनियर टीम में अपनी जगह बनाना।