देहरादू : प्रेमनगर थाना पुलिस ने चार करोड़ रुपये की ठगी का प्रयास करने वाले पांच शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। ठग प्रेमनगर निवासी एक हॉस्टल संचालक को शिव परिवार की अष्टधातु की मूर्ति के नाम पर ठगने का प्रयास कर रहे थे। बाकायदा ठग वादी से एडवांस में 50 हजार रुपये भी ले चुके थे। मूर्ति के कागजात आदि उपलब्ध न कराने पर वादी को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत की। जिससे वह एक बड़ी ठगी से बच गए।
अष्टधातु की प्राचीन शिव परिवार की मूर्ति के नाम पर ठगी
सीओ सिटी चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि प्रेमनगर निवासी वेद कुमार पुत्र स्व. श्याम लाल हॉस्टल संचालक के साथ एडवोकेट भी हैं। एक हफ्ते पहले उनकी मुलाकात सहारनपुर निवासी मुमताज नाम के एक व्यक्ति से हुई। मुमताज ने हॉस्टल संचालक को बताया कि उसके दोस्त करनाल निवासी खुराना के पास एक अष्टधातु की प्राचीन शिव परिवार की मूर्ति है। जिसकी कीमत लगभग 25 करोड़ रुपये है, लेकिन वह मूर्ति को उसे चार करोड़ में दिलवा सकता है। मूर्ति के सारे कागजात और वेरिफाई सर्टिफिकेट भी मिल जाएंगे।
हॉस्टल संचालक ठग के झांसे में आ गया और एडवांस के तौर पर उसे 50 हजार रुपये दे दिए। मुमताज अपने चार साथियों के साथ प्रेमनगर आया और एक शिव परिवार की मूर्ति हॉस्टल संचालक को दिखाई। मूर्ति के कागजात मांगने पर वह चारों कागजात घर भूलने की बात कहकर पेमेंट मांगने लगे। बताया कि हॉस्टल संचालक वेदपाल को शक हुआ तो उसके फोन से थाने में शिकायत कर दी।
इसके बाद पुलिस ने पांचों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से मूर्ति और चालीस हजार रुपये समेत एक कार बरामद की गई।
आरोपियों की पहचान सूरज प्रकाश पुत्र स्व. खेमचंद निवासी सदर बाजार, गांधी चौक करनाल थाना सदर हरियाणा, सचिन पुत्र दर्शनलाल निवासी हंसी चौक गली गप्पू लाला बाग थाना सदर करनाल हरियाणा, मुमताज पुत्र फाना निवासी ग्राम रसूलपुरा पापडी थाना गागलहेडी सहारनपुर, बलवान पुत्र जयप्रकाश निवासी किशनपुरा पानीपत थाना किशनपुरा हरियाणा व सुमित गुप्ता पुत्र जयपाल निवासी ग्राम व थाना निसिंग जिला करनाल हरियाणा के रूप में हुई है।
गिरफ्तार पांचो आरोपित में सूरज प्रिंटिंग प्रेस का व्यवसाय, मुमताज आयुर्वेदिक दवाई बेचने, बलवान फाइनेंस और सुमित गुप्ता बुक सेलर व सचिन चालक का काम करता था। यह सभी एक दूसरे को जानते हैं, आरोपियों के मुताबिक लालच में आकर उन्होंने हॉस्टल संचालक से ठगी का प्रयास किया। आरोपियों के मुताबिक मूर्ति अष्टधातु नहीं बल्कि नीलम की थी।