टिहरी/घनसाली(हर्षमणि उनियाल) – टिहरी जिले के कई जंगल आग से धू-धू कर जल रहे हैं . ली गयी इन तस्वीरों से साफ़-साफ़ झलक रहा है की किस तरफ स्थानीय लोगों की लापरवाही और विभागीय लचर-पचर सेवा के चलते करोड़ों रुपये की वनसंपदा और वनजीवी प्राणी आग की भेंट चढ़ रहे हैं. कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ आग ना लगी हो .
ताजा मामला टिहरी के टिपरी और नन्द गाँव के बीच के सड़क से लगे जंगले क्षेत्र का है. जहाँ पर स्थानीय महिलाओं द्वारा घास की लिए आग लगायी जा रही थी. जिसको हमने कैमरे में कैद किया और टिहरी डी.एफ़.ओ डॉ कोको रोज को मौके पर ही जबरदस्ती रोक कर उक्त बात से अवगत कराया गया, जिस पर उन्होंने कार्यवाही करने की बात कही.
सवाल यहीं खत्म नहीं होता है, जिधर भी नजर जाती है केवल और केवल धुंआ और आग ही आग नजर आती है. जो उत्तराखंड जैसे खूबसूरत जगह पर दाग लगाने जैसा है. लेकिन लगता है इसका खबर वन मंत्री हरक सिंह रावत को नहीं. एक तरफ़ टिहरी झील में राष्ट्रीय जल महोत्सव चल रहा है वहीँ दूसरी तरफ जंगलों में भड़की आग लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी है .
मंत्री-विधायकों को नहीं कोई परवाह, चुनाव प्रचार-प्रसार में व्यस्त
क्षेत्र की समस्या से अगर किसी को लेना देना नहीं है तो वह है घनसाली के विधयाक शक्तिलाल शाह. जो पिछले कई दिनों से अपने क्षेत्र की समस्या को छोड़ थराली चुनाव के प्रचार प्रसार में लगे हैं . ऐसा जान पड़ता है जैसे उन्हें क्षेत्र की समस्या से कोई लेना देना नहीं है .