रुद्रप्रयाग- कहते हैं जो किस्मक में होता है वही होता है. कई लोग किस्मत को नहीं मानते लेकिन ये सब सुनकर तो किसमत पर भी गुस्सा आता है. बेटी की शादी के ठीक 3 महीने पहले पिता शहीद हो जाएं तो किस बेटी, किस पत्नी औऱ बेटे का दिल नहीं सहमेगा. देश भले ही शहीद होने को गर्व मानता हो लेकिन उस परिवार का क्या जिसका इकलौता सहारा वो पिता था जो शहीद हो गया. गौर हो कि फतेह सिंह नागालैंड में नक्सलियों से मुठभेड़ में रुद्रप्रयाग के फतेह सिंह शहीद हो गए.
अक्तूबर में फतेह सिंह की दूसरे नंबर की बेटी की शादी
फतेह सिंह नेगी ने रविवार को शहादत से करीब दो घंटे पहले ही पत्नी गीता से फोन पर बात कर सबकी कुशलक्षेम पूछी थी। आपको बता दें अक्तूबर में फतेह सिंह की दूसरे नंबर की बेटी की शादी थी.जिसके लिए वह दो माह की छुट्टी लेकर घर आने वाले थे.
बड़ी बेटी पूनम का विवाह वर्ष 2015 में हुआ
फतेह सिंह हसंमुख और मिलनसार व्यवहार के कारण वह परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव के चहेते थे। उनकी दो पुत्रियां पूनम और सोनम व एक पुत्र रॉबिन है। बड़ी बेटी पूनम का वर्ष 2015 में विवाह हो चुका है। दूसरी बेटी की शादी आगामी अक्तूबर में होनी तय हुई है।
एक वर्ष पूर्व ही फतेह सिंह की पोस्टिंग नगालैंड में हुई थी
एक वर्ष पूर्व ही फतेह सिंह की पोस्टिंग नगालैंड में हुई थी। गत मार्च माह में वह एक माह की छुट्टी पर घर आए थे। गांव के अधिकांश घरों पर जाकर उन्होंने बड़े बुजुर्गों से मुलाकात की थी।
सोनम और रॉबिन को जैसे ही अपने पिता के शहीद होने की सूचना मिली, वे दोनों अपने घर के लिए दौड़ पड़े। सोमवार को घर पहुंचते ही दोनों भाई-बहन अपनी मां से लिपट कर बिलख-बिलख कर रो पड़े। रोते हुए बेटा कहता रहा, ‘पापा आप हमें क्यों छोड़ कर चले गए, आपने तो अक्तूबर में घर आने की बात कही थी’। रॉबिन बीएससी तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। बेटी सोनम भी गुमसुम है। उधर, बड़ी बेटी पूनम के आंसू थमने को नहीं हैं। पिता को बार-बार याद करते हुए वह, विलाप कर रही है।