उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में 8 किलो के ट्यूमर की सफल सर्जरी
उत्तरकाशी- राज्य के पहाड़ी जिलों में सरकारी अस्पतलों की हालत हालांकि बेहद खराब है। आलम ये है कि कोई भी सरकारी अस्पताल पर भरोंसा नहीं करता। करे भी करे कैसे जब सरकारी अस्पतालों मे न तो डॉक्टर तैनात हैं न दवा और नए जमाने के उपकरण। बावजूद इसके कुछ काबिल सरकारी डॉक्टर इन अस्पतालों मे अपनी सेवा देकर साबित कर रहे हैं कि आखिर उन्हेंं धरती का भगवान क्यों कहते हैं। सूबे के पहाड़ी जिले उत्तरकशी के जिला अस्पताल में तैनात ड़ॉक्टर चौबे भी टिहरी जिले के प्रतापनगर इलाके के कडियाल गांव की नीलम के लिए धरती के भगवान ही साबित हुए हैं। 21 साल की नीलम एक लंबे अर्से से पेट दर्द से परेशान थी। नीलम के परिजन उसे उत्तरकाशी के सरकारी अस्पताल मे ले आए जहां तैनात सर्जन डॉ चौबे ने नीलम की जांच की। पता चला कि नीलम के पेट में ट्यूमर है। ट्यूमर और ऑपरेशन की बात सुनते ही घरवालों के हाथ-पांव फूल गए। लेकिन सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर चौबे ने नीलम का सफल अॉप्रेशन किया और उसके पेट से तकरीबन आठ किलो का ट्यूमर निकाल दिया। इस खबर के बाद आज ये हाल है कि टिहरी और उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव जो देहरादून से सटे हैं देहरादून जाने के बजाय उत्तरकाशी के जिला सरकारी अस्पताल का रुख कर रहे हैं। दोनों जिलों के बीमारों के बीच एक जुमला हिट हो गया है देहरादून जाण सी पैली उत्तरकाशी डा चौबे मा जाण,तौं दिखौला जनु सी बोल्ला फिर तन्नी कौला