देहरादून(मनीष डंगवाल)- उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय शिक्षकों पर ड्रेस कोड लागू करने का लाख दावा कर लें लेकिन अपने एक साल के कार्यकाल में शिक्षा मंत्री शिक्षकों पर ड्रेस लागू नहीं कर पाए है, वो भी तब जब शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय अपनी उस बात पर अडे होे कि वह हर हाल में शिक्षकों पर ड्रेस पहनकर स्कूल आने की बात मना कर रहेंगे.
सम्मेलन में आने के लिए शिक्षा मंत्री ने रखी शर्त
यूं तो समय बीतने के साथ ही सभी ड्रेस को को लागू कराने की बात भूल गए थे, लेकिन पिछले दिनों राजकिय शिक्षक संगठन के पदाधिकारी शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे और कोटद्वार में होने वाले 18 मई को गढ़वाल मण्डल के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर समिलित होने के लिए मौखिक तौर पर निमंत्रण शिक्षा मंत्री को दिया। लेकिन राजनीति के पिच पर विरोंधियों की चाल भंपने के माहिर खिलाडी अरविंद पाण्डेय ने शिक्षक संगठन का निमंत्रण एक शर्त पर स्वीकार करने की ठानी और उन्होंने शिक्षक संगठन के सामने शर्त रखी कि वह तभी शिक्षकों के सम्मेलन में शिरकत करेंगे अगर सम्मेलन में सभी शिक्षक ड्रेस पहनकर आएंगे।
शिक्षा मंत्री को निमंत्रण देने गए शिक्षक संगठन के सभी पदाधियोंरियों ने शिक्षा मंत्री के सामने ड्रेस में आने की बात तो कही साथ ही मंत्री से भी अपनी सभी मांगों को पूरा करने कर मांग रख दी जिसे अरविंद पाण्डेय ने स्वीकार कर दिया। मुलाकात का किस्सा निमंत्रण तक समाप्त हो जाता है और शिक्षक ड्रेस पहनने का तैयार हो जाते है।
शिक्षकों ने पीछे खींचे कदम, ड्रेस न पहनने की की बात
शिक्षा मंत्री को ड्रेस पहनने का वादा कर चुके शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने अगले ही दिन ड्रेस को अपनाने से अपने कदम पीछे खींच लिए और संगठन के पदाधिकारी तर्क देने लगे कि वह किसी शिक्षक को ड्रेस पहनने के लिए बाध्य नहीं कर सकते है। इसलिए वह पहले शिक्षकों से राय लेंगे और अकेले इस पर फैसला नहीं ले सकते है।
शिक्षा मंत्री की भी शिक्षकों को दो टूक
शिक्षकों के प्रति पहले दिन से कडक मिजाज अपनाने वाले शिक्षा मंत्री को जैसे ही पता चला कि शिक्षक ड्रेस कोड में सम्मेलन में नहीं पहुंचेगे तो शिक्षा मंत्री ने भी साफ कर दिया कि जब सभी शिक्षक ड्रेस कोड में सम्मेलन में नहीं पहुंचेगे वह सम्मेलन में नहीं शिरक्त नहीं करेंगे।
शिक्षक संगठनों से शिक्षा मंत्री का 36 आंकड़ा
प्रदेश में शिक्षकों और शिक्षक संगठनों का शिक्षा मंत्री के साथ पूर्व में बेहतर तालमेल रहा है,लेकिन प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे अरविंद पाण्डेय का पहले दिन से ही शिक्षक और शिक्षक संगठनों से 36 का आंकडा रहा है। यहीं वजह है कि अभी तक पूर्व कि शिक्षा मंत्री जहां शिक्षकों के सम्मेलन मुख्य अतिथि के तौर पर बड़ी शानों-शौकत से शिरकत करते आए हैं.
वहीं शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय अभी तक एक भी सम्मेन में शिक्षकों के नहीं पहुंचे और उसकी सबसे बड़ी वजह है शिक्षकों का ड्रेस कोड न अपनाना। यहां तक कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद प्राथमिक और राजकिय शिक्षक संगठन के सम्मेलन में शिरकत कर चुके है।
निमंत्रण पत्र पर शंशय
18 मई को राजकिय शिक्षक संगठन का कोट द्धारा में गढवाल मण्डल के लिए कार्यकारणी का चुनाव होना है जिसके लिए दो दिवसिय सम्मेलन 18 और 19 मई को आयोजित किया गया है। लेकिन शंशय शिक्षक संगठन के लिए निमंत्रण पत्र और बैनर छपवाना मुसिबत बना हुआ है और इसकी वजह शिक्षा मंत्री का निमंत्रण स्वीकर करने का इंतजार । क्योंकि शिक्षक संगठन के सामने मंत्री ने मौखिक निमंत्रण तो इस बात पर स्वीकार कर लिया था वह ड्रेस में पहुंचेग,े लेकिन शिक्षकों के ड्रेस में न पहुंचेन के बाद शिक्षा मंत्री ने सम्मेलन में न जाने का मन बना दिया है,ऐेसे में संगठन निमंत्रण पत्र में शिक्षा मंत्री का नाम और फोटो लगाने को लेकर उलझन में पडा हुआ है।
चमोली जिले के शिक्षक नहीं हो पाएंगे सम्मेलन में शामिल
28 मई हो थराली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चमोली जिले के शिक्षक सम्मेलन में शिरक्त नहीं कर पाएंगें क्योंकि विधान सभा उप चुनाव को शिक्षकों को छुटृी नही दी गई है। जिसके चलते शिक्षकों में अंदरखाने नाराजगी भी है।
पीछे हटने को कोई तैयार नहीं
ड्रेस कोड के मुद्दे पर न तो शिक्षा मंत्री पिछे हटने को तैयार है और न ही ड्रेस पहनने के लिए शिक्षक तैयार है। ऐसे में देखना ये होगा कि आखिर ड्रेस कोड पर जो विवाद शिक्षा मंत्री और शिक्षकों के बीच पैदा हुआ है वो आगे भी यूं ही चलता रहेगा या इस मुद्दे पर कोई एक राय शिक्षकों शिक्षा मंत्री में बनेगी।