ब्यूरो- उत्तराखंड मे आजकल शराब बड़ा हॉट टॉपिक बना हुआ है। चौक चौराहों से लेकर गांव की चौपालों तक और सियासी गलियारे से सरकार के सचिवालय तक एक ही चर्चा है कि, राज्य में मदिरा और मदिरालयों का क्या होगा।
दरअसल नैनीताल हाईकोर्ट ने सूबे के चार धाम यात्रा मार्ग से सभी शराब की दुकानों को हटाने का आदेश राज्य सरकार को दिया है,जबकि बाकि शराब की दुकानों को हाईवे से 500 मीटर दूर हटाने के आदेश दिए थे।
अंतरिम सरकार से लेकर अब तक कि सभी निर्वाचित सरकारें आमदनी के लिए शराब और खनन के धंधे पर डिपेंड हो गई। दूसरे साधनों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। नतीजनत खनन और शराब के कारोबार पर आश्रित सरकार के हाथ-पांव फूल गए।
हालांकि सूबे की सरकार ने शराब के कारोबार पर दिए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए हैं। आज सरकार की दलीलों को माननीय सुप्रीम कोर्ट सुन रहा है।पक्ष और विपक्ष शराब के धंधे पर जिरह कर रहे हैं। लिहाजा सबको फैसले का इंतजार है, फिर चाहे पीने वाले हो या सरकार या फिर शराब के कारोबारी। सबकी निगाहें माननीय सुप्रीम कोर्ट पर लगी हैं।